राशन कार्ड को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला…
करोड़ों लोगों के नाम काटने के निर्देश…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
केंद्र की मोदी सरकार ने मुफ्त राशन योजना को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार अब ऐसे सभी राशन कार्ड धारकों की पहचान करने में जुटी है जो इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। सरकार का मानना है कि जिन लोगों की आय अधिक है, जो नियमित रूप से आयकर भरते हैं या जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, उन्हें मुफ्त राशन योजना के लाभ की जरूरत नहीं है। इसी के तहत केंद्र ने राज्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि ऐसे 1 करोड़ से ज्यादा अपात्र राशन कार्ड धारकों के नाम सूची से हटाए जाएं, ताकि योजना का लाभ केवल उन तक पहुंचे जिनके पास वास्तव में संसाधन नहीं हैं।
डेटा मिलान से सामने आया सच
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने पात्रता की जांच के लिए बड़े पैमाने पर डेटा मिलान की प्रक्रिया अपनाई। इसके लिए विभाग ने आयकर विभाग, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जैसे सरकारी संस्थानों के डेटाबेस का क्रॉस-वेरिफिकेशन किया। जांच में सामने आया कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता ही नहीं है।
आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 94.71 लाख राशन कार्ड धारक ऐसे हैं जो नियमित रूप से आयकर भरते हैं। वहीं 17.51 लाख कार्ड धारक चार पहिया वाहनों के मालिक पाए गए, जबकि 5.31 लाख लोग कंपनियों में निदेशक के पद पर हैं। इस पूरी लिस्ट को केंद्र ने राज्यों को सौंप दिया है ताकि अपात्र लाभार्थियों को योजना से बाहर किया जा सके।
राज्यों पर बढ़ी जिम्मेदारी
केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि अयोग्य लाभार्थियों की पहचान और उन्हें योजना से बाहर करने की जिम्मेदारी राज्यों की होगी। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने केवल डेटा उपलब्ध कराया है। अब राज्यों को यह तय करना होगा कि कौन से राशन कार्ड डुप्लिकेट हैं, कौन से अपात्र हैं और किन्हें योजना से बाहर करना है।
अधिकारी के मुताबिक, सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिले जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। साथ ही प्रतीक्षा सूची में शामिल नए पात्र लाभार्थियों को भी इसमें शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
मौजूदा स्थिति और पात्रता के नियम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत देशभर में 19 अगस्त 2025 तक 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इन कार्डों के जरिए 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 76.10 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
हालांकि सरकार ने पात्रता को लेकर साफ निर्देश जारी किए हैं। नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी, एक लाख रुपये या उससे अधिक वार्षिक आय वाले परिवार, चार पहिया वाहन मालिक और आयकर दाता मुफ्त राशन योजना के दायरे में नहीं आते। इसके बावजूद, कई ऐसे लोग लाभ उठा रहे थे, जिनकी अब पहचान कर उन्हें सूची से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
केंद्रीय सचिव का राज्यों को अलर्ट
केंद्रीय खाद्य सचिव संजय चोपड़ा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के सलाहकारों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इस पत्र में कहा गया है कि राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली डेटाबेस में पाई गई विसंगतियों को दूर किया जाए और अपात्र लाभार्थियों को योजना से हटाने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए। सरकार का जोर इस बात पर है कि वास्तविक जरूरतमंदों तक ही मुफ्त राशन योजना का लाभ पहुंचे और सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे।