महाराष्ट्र मतदाता सूची विवाद में आया नया मोड़,
सुप्रीम कोर्ट ने psephologist संजय कुमार के खिलाफ FIR पर लगाई रोक
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रख्यात चुनाव विश्लेषक (psephologist) संजय कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी। यह कार्रवाई उस विवाद के बीच हुई है जो महाराष्ट्र की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर हुई मतदाता जोड़-घटाव से संबंधित उनके सोशल मीडिया पोस्ट और बाद में मांगी गई माफी के बाद खड़ा हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दी राहत
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह यहां सीजेआई बी.आर. गवई और जस्टिस एन.वी. अंजरिया की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। संजय कुमार के वकील ने अदालत से आग्रह करते हुए कहा, “संजय कुमार एक अत्यंत ईमानदार व्यक्ति हैं। उन्होंने देश और दुनिया की सेवा में 30 साल दिए हैं। उन्हें उच्च सम्मान प्राप्त है। उनसे गलती हुई, जिसके लिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और विवादित पोस्ट को हटा दिया।” वकील की दलीलों पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार के खिलाफ जारी एफआईआर की कार्यवाही पर अस्थायी रोक लगा दी।
क्या था पूरा मामला ?
दरअसल महाराष्ट्र की मतदाता सूची में हाल ही में बड़े पैमाने पर मतदाता जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। प्रसिद्ध चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की थी, जिसमें उन्होंने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। उनकी पोस्ट में संकेत दिया गया था कि मतदाता सूचियों में असामान्य स्तर पर बदलाव हुए हैं, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर संदेह पैदा हो सकता है। हालांकि, पोस्ट के बाद विवाद गहराता चला गया और कुछ समूहों ने इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। विवाद बढ़ने के बाद संजय कुमार ने अपनी पोस्ट हटा दी और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी राजनीतिक दल, समुदाय या चुनाव आयोग की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि केवल आंकड़ों के आधार पर चिंता जाहिर करना था। इसके बावजूद, महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में कई एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें आरोप लगाया गया कि उनकी पोस्ट से गलतफहमी फैलने और जनता में अविश्वास पैदा होने की संभावना है। यही विवाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां अदालत ने आज संजय कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अस्थायी रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी