भारतीय वायु सेना के मिलेंगे नए TEDBF फाइटर जेट,
स्वदेशी जेट्स की अपनी अलग है अहमियत
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारतीय वायु सेना (IAF) के फाइटर जेट बेड़े की कमी को दूर करने के लिए रक्षा मंत्रालय एक बड़े प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। योजना यह है कि भारतीय नौसेना के लिए विकसित हो रहे ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) का एक अलग एयर फोर्स वेरिएंट तैयार किया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है और साथ ही स्वदेशी रक्षा निर्माण को भी बढ़ावा देगा। दुनिया की कई बड़ी रक्षा कंपनियां, जैसे फ्रांस की डसॉल्ट और अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन, पहले से ही अपने फाइटर जेट के एयर फोर्स और नेवी दोनों वर्जन विकसित करती हैं, क्योंकि दोनों सेनाओं की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। भारत भी अब इसी दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
150 से ज्यादा TEDBF के ऑर्डर की योजना
डिफेंस डॉट इन की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव है कि भारतीय नौसेना के लिए विकसित हो रहे TEDBF के 150 से ज्यादा विमानों के ऑर्डर एक साथ सुनिश्चित किए जाएं। अधिकारियों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर ऑर्डर देने से विकास की भारी लागत को साझा करना आसान होगा। सरकारी स्वामित्व वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) फिलहाल TEDBF को प्राथमिक रूप से नौसेना के लिए डिजाइन कर रही है। इसके विकास पर 13,000 करोड़ से 14,000 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।
नौसेना ने घटाई फाइटर जेट की मांग
शुरुआत में भारतीय नौसेना ने 140 TEDBF जेट की आवश्यकता जताई थी। इन विमानों से नौसेना अपने मौजूदा रूसी मिग-29के फाइटर जेट के बेड़े को बदलना चाहती है, जो अभी आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात हैं। हालांकि, बढ़ती लागत और सीमित बजट को देखते हुए नौसेना ने अपनी मांग घटाकर अब सिर्फ 80 विमानों तक सीमित कर दी है। इस कमी की वजह से रक्षा मंत्रालय को लग रहा है कि इतनी छोटी संख्या में विमानों का विकास करना लागत प्रभावी नहीं होगा।
वायु सेना के लिए अलग वेरिएंट का प्रस्ताव
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना से TEDBF का लैंड-बेस्ड एयर फोर्स वर्जन विकसित करने पर विचार करने को कहा है। अगर वायु सेना और नौसेना के लिए अलग-अलग वेरिएंट तैयार किए जाते हैं, तो एक साथ 150 से ज्यादा विमानों का उत्पादन संभव होगा। इससे प्रति यूनिट लागत भी काफी कम हो जाएगी। इस योजना के तहत, जहां नेवी वर्जन का वजन लगभग 26 टन होगा, वहीं एयर फोर्स वेरिएंट को थोड़ा हल्का और जमीनी अभियानों के लिए अनुकूल बनाया जाएगा।
TEDBF का एयर फोर्स वेरिएंट कैसा होगा
प्रस्तावित एयर फोर्स TEDBF 4.5वीं पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट होगा, जिसका वजन राफेल के बराबर होगा। यह विमान तेजस एमके2 और पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के बीच की क्षमता की कमी को पूरा करेगा। तेजस एमके1ए की तुलना में यह विमान अधिक पेलोड और बेहतर कॉम्बैट रेंज उपलब्ध कराएगा, जिससे भारतीय वायु सेना की सामरिक ताकत में बड़ा इजाफा होगा।
IAF की प्राथमिकताएं फिलहाल अलग
हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायु सेना इस प्रस्ताव को लेकर फिलहाल बहुत उत्साहित नहीं है। वायु सेना का मानना है कि एक ही वजन श्रेणी में दो नए प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने से AMCA प्रोजेक्ट की प्रगति पर असर पड़ सकता है। फिलहाल IAF की प्राथमिकता तेजस एमके1ए की बड़े पैमाने पर इंडक्शन और तेजस एमके2 के विकास पर केंद्रित है। ऐसे में तत्काल TEDBF के एयर फोर्स वेरिएंट पर काम शुरू करना वायु सेना के लिए एक चुनौतीपूर्ण फैसला हो सकता है।