पाक क्रिकेट टीम से नाराज ICC !
कर सकती है बड़ी कार्रवाई
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रही है। मामला बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ खेले गए एशिया कप मैच से जुड़ा है, जहां पाकिस्तान ने मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग खारिज होने के विरोध में मैच की शुरुआत में जानबूझकर देरी की। सूत्रों के अनुसार, आईसीसी के सीईओ संजोग गुप्ता ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को ईमेल भेजकर मैच दिवस पर खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के क्षेत्र (पीएमओए) से जुड़े प्रोटोकॉल के बार-बार उल्लंघन का हवाला दिया है।
नियमों की अनदेखी पाकिस्तान पर आरोप है कि चेतावनियों के बावजूद उसने अपने मीडिया मैनेजर नईम गिलानी को टॉस से पहले हुई अहम बैठक की रिकॉर्डिंग करने दी। यह बैठक रेफरी पाइक्रॉफ्ट, पाकिस्तान के मुख्य कोच माइक हेसन और कप्तान सलमान अली आगा के बीच हुई थी। पीएमओए के नियमों के तहत मीडिया प्रबंधकों को ऐसी बैठकों में शामिल होने की अनुमति नहीं होती। आईसीसी ने यह भी आपत्ति जताई है कि पीसीबी ने बैठक का फुटेज रिकॉर्ड तो कर लिया, लेकिन यह नहीं बताया कि उसका उपयोग किस उद्देश्य से होगा।
विवाद की जड़ भारत के खिलाफ पिछले मैच में ‘हाथ नहीं मिलाने’ की घटना को लेकर पाकिस्तान ने पाइक्रॉफ्ट को जिम्मेदार ठहराया था। पीसीबी का आरोप था कि टॉस के समय रेफरी ने उनके कप्तान सलमान को भारतीय खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव से हाथ मिलाने से रोका था। हालांकि बाद में स्पष्ट किया गया कि सूर्यकुमार ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के समर्थन में हाथ नहीं मिलाया था। वहीं इस विवाद को सुलझाने के लिए पाइक्रॉफ्ट को पाक कप्तान और मैनेजर से टॉस से पहले मुलाकात करनी थी, लेकिन पाकिस्तान ने अपने मीडिया मैनेजर को बैठक में शामिल करने और फुटेज रिकॉर्ड करने की जिद ठान दी। जब आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी ने मोबाइल फोन लेकर प्रवेश की अनुमति देने से इनकार किया, तो पीसीबी ने यहां तक धमकी दी कि वह मैच से हट जाएगा।
आईसीसी की आपत्ति आईसीसी ने स्पष्ट किया है कि पीसीबी की मीडिया विज्ञप्ति में यह दावा गलत है कि पाइक्रॉफ्ट ने माफी मांगी। दरअसल उन्होंने केवल ‘गलत संचार पर खेद’ व्यक्त किया था। अब आईसीसी इस पूरे मामले पर कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है, क्योंकि यह केवल नियमों की अनदेखी नहीं बल्कि टूर्नामेंट की साख और खेल की गरिमा से जुड़ा मामला बन गया है।