हद है भाई…यहां बना डाला कुत्ते का आधार कार्ड,
फोटो भी लगाई और नाम रखा टौमी जायसवाल
8 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। आमतौर पर आधार कार्ड हर इंसान के लिए जरूरी होता है, लेकिन यहां एक डॉग ओनर ने अपने पालतू कुत्ते का भी बाकायदा आधार कार्ड बनवा दिया। इस अनोखे मामले की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
डॉगी टोमी जैसवाल का आधार कार्ड
मामला डबरा के सिमरिया ताल क्षेत्र का है, जहां एक पालतू कुत्ते के मालिक ने अपने डॉगी का आधार कार्ड बनवा लिया। कार्ड में बाकायदा कुत्ते का नाम टोमी जैसवाल, पिता का नाम कैलाश जैसवाल, पता वार्ड नंबर 1, सिमरिया ताल, ग्वालियर, मध्य प्रदेश दर्ज किया गया है। यही नहीं, आधार कार्ड में टोमी की जन्मतिथि 25 दिसंबर 2010 लिखी हुई है और आधार नंबर 070001051580 भी अंकित है। कार्ड पर डॉगी की तस्वीर भी मौजूद है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं।
सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
जैसे ही डॉगी टोमी जैसवाल के आधार कार्ड की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, यूजर्स ने इस पर जमकर मजे लेने शुरू कर दिए। किसी ने इसे "गजब एमपी" का मामला बताया तो किसी ने आधार बनाने वालों पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, "टॉमी भैया तो छा गए, गजब है।" दूसरे ने चुटकी लेते हुए कहा, "डॉगी के भाई-बहन कहां हैं?" वहीं, तीसरे यूजर ने मजाक करते हुए लिखा, "ऐसा तो बस एमपी में ही हो सकता है।" एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, "डॉगी भी सोच रहा होगा कि ऐसा मालिक भगवान सबको दे।"
प्रशासन के लिए बना जांच का विषय
अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार एक डॉगी का आधार कार्ड कैसे बन गया। क्या यह तकनीकी खामी है या जानबूझकर किया गया फर्जीवाड़ा, यह अभी जांच का विषय है। प्रशासन के लिए यह मामला सिरदर्द बन गया है, क्योंकि अगर पालतू जानवर का भी आधार बन सकता है, तो इसका गलत इस्तेमाल भी संभव है। अब देखना होगा कि आधार कार्ड बनाने वालों पर क्या कार्रवाई की जाएगी।
लोगों में फैली जिज्ञासा और चर्चाएं
ग्वालियर शहर में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे लेकर अलग-अलग तरह की राय व्यक्त कर रहे हैं। जहां कुछ लोग इसे मजाकिया नजरिए से देख रहे हैं, वहीं कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि इस तरह की गड़बड़ियों पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं है। हालांकि, वायरल हो रही तस्वीरों की प्रामाणिकता की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।