27 साल का हो गया सर्च इंजन का बादशाह Google,
पढ़िए एक गैरेज से शुरू हुए BackRub के Google बनने तक की कहानी
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा नाम गूगल आज यानी 27 सितंबर को अपना 27वां जन्मदिन मना रहा है। एक छोटा-सा आइडिया जो अमेरिका के कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क की एक गैराज से शुरू हुआ था, आज पूरी दुनिया का सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन बन चुका है। अरबों लोग रोज़ाना गूगल का इस्तेमाल करते हैं और संभव है कि आप भी इस खबर तक गूगल के जरिए ही पहुंचे होंगे।
गूगल नाम का मतलब क्या है? गूगल दरअसल एक गणितीय शब्द ‘Googol’ से निकला है। ‘Googol’ का मतलब होता है 1 के बाद 100 शून्य, यानी 10 की घात 100। यह शब्द गणितज्ञ एडवर्ड कस्नर के भांजे मिल्टन सिरोट्टा ने गढ़ा था। इसी से प्रेरित होकर गूगल का नाम रखा गया, ताकि यह दर्शाया जा सके कि इसके सर्च इंजन में असीमित जानकारी मौजूद होगी।
गूगल कैसे बना ‘गूगल’? दरअसल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो पीएचडी छात्र लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने जब इस सर्च इंजन की शुरुआत की थी, तो इसका नाम गूगल नहीं बल्कि ‘BackRub’ था। साल 1997 में इसे नया नाम देने पर विचार हुआ। टीम ने शुरुआत में ‘Googolplex’ और फिर ‘Googol’ पर सहमति बनाई। लेकिन जब डोमेन नाम खोजा जा रहा था तो टीम के सदस्य शॉन एंडरसन ने गलती से ‘Googol’ की जगह ‘Google’ टाइप कर दिया। यह डोमेन उपलब्ध था और लैरी पेज को यह नाम पसंद आ गया। कुछ ही घंटों में google.com पंजीकृत हो गया। इस तरह एक गलत स्पेलिंग से जन्मा यह नाम आज दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल ब्रांड बन गया।
गूगल की आधिकारिक शुरुआत गूगल को आधिकारिक रूप से 4 सितंबर 1998 को लॉन्च किया गया था। हालांकि कंपनी हर साल अपना जन्मदिन 27 सितंबर को मनाती है, ताकि अपने आंतरिक उपलब्धियों को याद किया जा सके।
गैराज से अल्फाबेट तक का सफर एक गैराज से शुरू हुआ यह सर्च इंजन अब Alphabet Inc. की सहायक कंपनी है। साल 2015 में अल्फाबेट को होल्डिंग कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। वर्तमान में सुंदर पिचाई गूगल और अल्फाबेट दोनों के सीईओ हैं। वहीं, कंपनी के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन अब भी बोर्ड मेंबर और अहम वोटिंग अधिकार रखने वाले बड़े हिस्सेदार बने हुए हैं।