नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे भगोड़ों की जल्द ही होंगी भारत वापसी,
ब्रिटिश टीम ने किया तिहाड़ दौरा
3 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारत में हजारों करोड़ के घोटाले कर विदेश भागे नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे भगोड़ों की जल्द ही भारत वापसी की संभावना मजबूत हो गई है। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक विशेष टीम ने हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया, जहां इन हाई-प्रोफाइल अपराधियों को प्रत्यर्पण के बाद रखा जा सकता है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब ब्रिटेन की अदालतें इन भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर रोक लगा चुकी थीं। अदालत का तर्क था कि तिहाड़ जेल में कैदियों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं और उन्हें हिंसा या यातना का खतरा हो सकता है।
नीरव मोदी और विजय माल्या की 'सुरक्षा' की दलीलें
विजय माल्या और नीरव मोदी लंबे समय से ब्रिटेन की अदालतों में प्रत्यर्पण का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत लौटने पर उनकी जान को खतरा है। नीरव मोदी ने तो यहां तक दावा किया था कि प्रत्यर्पित किए जाने पर या तो उसकी हत्या हो जाएगी या वह खुदकुशी कर लेगा। इसी संदर्भ में, जुलाई में ब्रिटेन की CPS टीम भारत आई थी। इस टीम में चार सदस्य थे, दो CPS के कानूनी विशेषज्ञ और दो ब्रिटिश हाई कमीशन के अधिकारी। टीम ने तिहाड़ जेल की सुरक्षा व्यवस्था, हाई-सिक्योरिटी वार्ड और कैदियों की रहने की परिस्थितियों का बारीकी से निरीक्षण किया।
तिहाड़ की सुरक्षा पर ब्रिटिश टीम संतुष्ट
सूत्रों के मुताबिक, ब्रिटिश टीम ने तिहाड़ की व्यवस्थाओं को "अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब" बताया। टीम ने जेल अधिकारियों से मुलाकात की, कैदियों से बात की और सुरक्षा प्रोटोकॉल की विस्तृत समीक्षा की। भारत सरकार ने ब्रिटिश टीम को आश्वस्त किया कि हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए आवश्यकता पड़ने पर विशेष सुविधाओं से युक्त सुरक्षित वार्ड बनाए जाएंगे। साथ ही, उनके साथ किसी भी तरह का बुरा व्यवहार नहीं होगा और उनकी हर विशेष आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा।
ब्रिटेन ने मांगी थी लिखित गारंटी
ब्रिटेन की अदालत ने हाल ही में आर्म्स डीलर संजय भंडारी और 750 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपी अवस्थी दंपती के प्रत्यर्पण से यह कहकर इनकार कर दिया था कि तिहाड़ में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है। इसके बाद ब्रिटेन ने भारत सरकार से लिखित गारंटी मांगी, जिसमें यह आश्वासन दिया गया कि किसी भी प्रत्यर्पित कैदी के साथ हिंसा, यातना या दुर्व्यवहार नहीं होगा। भारत सरकार ने यह गारंटी प्रदान कर दी है।
178 प्रत्यर्पण अनुरोधों पर टिकी निगाहें
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस समय भारत के 178 प्रत्यर्पण अनुरोध दुनिया के अलग-अलग देशों में लंबित हैं, जिनमें से करीब 20 मामले ब्रिटेन में अटके हुए हैं। इनमें नीरव मोदी, विजय माल्या, संजय भंडारी, अवस्थी दंपती और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम शामिल हैं। तिहाड़ जेल का ब्रिटिश टीम द्वारा किया गया यह निरीक्षण भारत के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि ब्रिटेन से भगोड़ों की वापसी की राह आसान हो सकती है और भारत जल्द ही नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधियों को वापस लाने में सफल हो सकता है।