उत्तर भारत में बाढ़ और तबाही से हाहाकार, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को भेजा नोटिस,
पेड़ों की अवैध कटाई पर भी जताई चिंता
6 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तर भारत के कई अन्य राज्य इस समय बाढ़ की भीषण त्रासदी से जूझ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश, बादल फटने की घटनाओं और लैंडस्लाइड्स ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम टिप्पणी की है और संबंधित राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट की गंभीर टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई हुई है। कोर्ट ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत है, जिसने उत्तर भारत में आपदा जैसी स्थिति खड़ी कर दी है। मुख्य न्यायाधीश गवई ने सुनवाई के दौरान कहा, "हमने अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ देखी है। यह बहुत ही गंभीर मामला लगता है।" सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकारों को नोटिस जारी करते हुए तीन हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
केंद्र से भी मांगी गई रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से कोर्ट ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों से इस स्थिति पर चर्चा करें और असली कारणों का पता लगाएं। इस पर SG मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वे पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव से संपर्क करेंगे और बाढ़ व पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। SG मेहता ने यह भी माना कि इंसान ने प्रकृति के साथ अत्यधिक हस्तक्षेप किया है और अब प्रकृति उसी का परिणाम दिखा रही है। इस बात पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने भी सहमति जताई।
मीडिया रिपोर्ट्स से बढ़ी चिंता
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में दिखाया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में भारी मात्रा में लकड़ी के ब्लॉक बहते हुए दिखाई दे रहे हैं। कोर्ट ने आशंका जताई कि पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई ने ही बाढ़ के खतरे को और बढ़ा दिया है।
उत्तर भारत में आफत बनकर बरसता पानी
पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के कई राज्य भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई इलाकों में लैंडस्लाइड्स की वजह से सड़कें बंद हैं, नदियां उफान पर हैं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। मंगलवार को उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद यह अलर्ट घोषित किया गया।