ड्रीम11 ने छोड़ी टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप,
नए साझेदार की तलाश में जुटा बीसीसीआई
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारतीय क्रिकेट टीम को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम11 ने टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप से कदम पीछे खींच लिए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि उसने नए टाइटल स्पॉन्सर की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि, बोर्ड सूत्रों के अनुसार, अगले महीने होने वाले एशिया कप 2025 से पहले किसी नए सौदे पर अंतिम मुहर लगना मुश्किल है। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने जानकारी दी कि बोर्ड ने इस दिशा में नए स्पॉन्सरशिप बिड्स के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया है।
टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप का सफर
भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप का इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। बीते दो दशकों में कई बड़े ब्रांड्स आए, रिकॉर्ड तोड़े, करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन ज्यादातर लंबी अवधि तक साझेदारी नहीं निभा पाए।
सहारा इंडिया (2001–2013)
सहारा इंडिया टीम इंडिया की अब तक की सबसे लंबे समय तक जुड़ी रही स्पॉन्सर कंपनी रही। साल 2001 से 2013 तक लगातार 11 सालों तक उसने भारतीय टीम को स्पॉन्सर किया। साल 2010 में सहारा ने बीसीसीआई के साथ समझौता नवीनीकृत किया और 2013 तक के लिए करार किया। उस दौरान कंपनी ने प्रति टेस्ट, वनडे और टी20 मैच ₹3.34 करोड़ का भुगतान किया। लेकिन आर्थिक दबाव के कारण 2013 में सहारा ने अचानक इस साझेदारी से खुद को अलग कर लिया।
स्टार इंडिया (2014–2017)
सहारा के बाद स्टार इंडिया ने 2014 में भारतीय टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप का जिम्मा संभाला। चार साल की इस डील के तहत कंपनी ने प्रति द्विपक्षीय मैच ₹1.92 करोड़ और आईसीसी टूर्नामेंट के हर मैच के लिए ₹61 लाख चुकाए। हालांकि 2017 में स्टार इंडिया ने टाइटल स्पॉन्सरशिप छोड़ दी और अपना ध्यान टीम की बजाय क्रिकेट ब्रॉडकास्टिंग राइट्स पर केंद्रित कर लिया।
ओप्पो मोबाईल्स इंडिया (2017–2019)
ओप्पो ने 2017 में टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई के साथ अब तक की सबसे बड़ी डील की। ₹1,079 करोड़ की इस पांच साल की साझेदारी के तहत ओप्पो ने प्रति द्विपक्षीय मैच ₹4.61 करोड़ और आईसीसी टूर्नामेंट के हर मैच के लिए ₹1.51 करोड़ देने का वादा किया था। लेकिन आर्थिक दबाव और मार्केटिंग प्राथमिकताओं में बदलाव के चलते ओप्पो ने 2019 में बीच में ही स्पॉन्सरशिप छोड़ दी।
बयाजूश और ड्रीम 11
दरअसल ओप्पो की जगह बायजूस ने 2019 में टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप संभाली। ओप्पो से यह डील हासिल करने के लिए कंपनी ने 5% अतिरिक्त री-असाइनमेंट फीस भी चुकाई। हालांकि, 2023 तक आते-आते बायजूस भी आर्थिक चुनौतियों में फंस गई और उसने भी साझेदारी से किनारा कर लिया। जिसके बाद ड्रीम11 ने 2023 में ₹358 करोड़ की तीन साल की डील के साथ भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप संभाली थी। लेकिन 2025 में कंपनी ने अनुबंध की अवधि पूरी होने से पहले ही स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया।
लगातार हो रही स्पॉन्सरशिप की विदाई
पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह बड़े-बड़े ब्रांड्स टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप छोड़ते गए हैं, उसने भारतीय क्रिकेट के वित्तीय मॉडल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सहारा, स्टार इंडिया, ओप्पो, बायजूस और अब ड्रीम11 लगातार पांच बड़े ब्रांड्स का बीच में अनुबंध तोड़ना इस ओर इशारा करता है कि टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप बनाए रखना आसान नहीं रह गया है। बीसीसीआई के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती एक ऐसे नए टाइटल स्पॉन्सर को ढूंढना है, जो न केवल बड़ी वित्तीय बोली लगाए, बल्कि लंबे समय तक टीम इंडिया के साथ जुड़ा भी रहे।