बाबा महाकाल के गर्भ गृह में नहीं प्रवेश कर पाएंगे भक्त..!
हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
7 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं और रसूखदारों के बीच भेदभाव को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब श्रद्धालुओं ने सवाल उठाया कि आखिर आम लोगों को बैरिकेड्स से ही दर्शन करने के लिए क्यों मजबूर किया जाता है, जबकि नेता, अभिनेता, उद्योगपति और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। याचिकाकर्ता का कहना था कि जो भक्त घंटों लाइन में खड़े होकर बाबा महाकाल के दर्शन करने आते हैं, उन्हें भी गर्भगृह में जाकर बाबा को स्पर्श करने का अधिकार मिलना चाहिए।
उज्जैन कलेक्टर को सौंपी गई गर्भगृह प्रवेश की जिम्मेदारी
दरअसल 18 अगस्त को दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार अब उज्जैन कलेक्टर के पास होगा। अदालत ने यह भी कहा कि मंदिर में पहले से लागू की गई व्यवस्थाओं को फिलहाल यथावत रखा जाएगा। इसका मतलब यह है कि आम श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह के दरवाजे अभी भी बंद रहेंगे।
4 जुलाई 2023 से लागू है प्रतिबंध
महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर 4 जुलाई 2023 से ही प्रतिबंध लागू है। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद यह साफ हो चुका है कि फिलहाल यह प्रतिबंध जारी रहेगा और आम श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दर्शन केवल बैरिकेड्स से ही करने होंगे। हालांकि, याचिका में यह भी उल्लेख किया गया था कि प्रतिबंध लागू होने के बावजूद बीजेपी नेताओं, उनके परिजनों और पुलिस अधिकारियों को गर्भगृह में जबरन प्रवेश करते हुए देखा गया है। यह स्थिति आम श्रद्धालुओं के बीच आक्रोश का कारण बनी हुई है।
याचिकाकर्ता की नाराजगी और श्रद्धालुओं की उम्मीदें
जनहित याचिका दायर करने वाले दर्पण अवस्थी का कहना है कि बाबा महाकाल के दरबार में सभी भक्त समान हैं और किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उनका आग्रह था कि चाहे आम श्रद्धालु हो या कोई प्रभावशाली व्यक्ति, सबको गर्भगृह में प्रवेश का समान अवसर मिलना चाहिए। लेकिन हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद श्रद्धालुओं की उम्मीदों पर फिलहाल विराम लग गया है।