मासूम को जहर दे खुद फंदे पर झूल गए दंपत्ति,
हैरान करने वाले हैं देश में आत्महत्या के आकड़ें
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक दर्दनाक और खौफनाक वारदात सामने आई है। यहां रोजा थाना क्षेत्र के दुर्गा एंकलेव कॉलोनी में एक कारोबारी ने अपने 4 साल के मासूम बेटे को जहर देने के बाद पत्नी के साथ फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। वहीं घटनास्थल से पुलिस को 36 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी प्राप्त हुआ है। वहीं हर साल हमरे देश की एक बड़ी आबादी किसी न किसी कारण आत्महत्या कर लेती है। जिसकी एक बड़ी वजह कर्ज या दिवालियापन भी है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
कर्ज के बोझ तले दबा था परिवार
पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सचिन ग्रोवर, उनकी 30 वर्षीय पत्नी शिवांगी और 4 साल के बेटे फतेह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि सचिन का व्यापार में भारी घाटा हो गया था। उन पर कर्ज का बोझ था और लगातार नुकसान के कारण वे कई दिनों से परेशान थे।
घटना का पता तब चला, जब बुधवार सुबह घर में कोई हलचल न देखकर पड़ोसियों को शक हुआ। उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो पति-पत्नी के शव अलग-अलग कमरों में फंदे से लटके हुए थे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर घर के अंदर गई। अंदर का नजारा देखकर सभी स्तब्ध रह गए।
बेटे को पहले दी जहरीली दवा
पुलिस जांच में पता चला कि दंपति ने पहले बेटे को चूहे मारने की दवा खिलाई, जिससे वह अचेत हो गया। इसके बाद दोनों ने अलग-अलग कमरों में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। पत्नी की लाश बेडरूम में लटकी मिली, जबकि पति ने ड्राइंग रूम में फंदा लगाया था। तीनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे की मौत पॉइजन से हुई है।
36 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद
मौके से पुलिस को 36 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि कारोबारी पर बढ़ते कर्ज और व्यापारिक नुकसान के चलते यह कदम उठाया गया। फिलहाल पुलिस परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है, ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके। उधर, पूरे परिवार की मौत से रिश्तेदार और पड़ोसी गहरे सदमे में हैं। उनका कहना है कि जो परिवार कल तक हंस-खेल रहा था, अब वह इस दुनिया में नहीं रहा।
हर साल आत्महत्या करते हैं 1 लाख 70 हजार
वहीं हमारे देश में दिन पर दिन बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों ने चिंता भी बढ़ा दी है। साल 2022 में सामने आई NCRB की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे देश में हर साल लगभग 1 लाख 70 हजार 924 लोग किसी न किसी कारण से आत्महत्या कर लेते हैं। जिनमे कर्ज के बोझ तले दबकर खुद अपनी जान दे देने के मामले भी बहुत आम हैं।
कर्ज तले 4.1% का टूटता है दम
अब बात अगर कर्ज के बोझ तले दबकर अपनी जान दे देने वाले लोगों की करें, तो ये आकड़ा भी दिल दहला देने वाला है। यहां कुल आत्महत्या के 4.1% लोगों की मौत का कारण कर्ज या दिवालियापन होता है। अगर संख्या की बात करें तो ये अकड़ा 7 हजार 34 लोगों का हो जाता है। जो हर साल अपनी जान गवां देते हैं। सवाल गंभीर है, कि क्या कर्ज हमारे देश में वक्कई इतनी बड़ी समस्या बन गया है, कि अब लोगों के पास आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता ही नहीं बचा ?