क्लास रूम में एक तरफ बैठे रहें बच्चे…दूसरी तरफ जमीन पर सोते रहे मास्टर जी,
वीडियो हुआ वायरल, जांच के आदेश
8 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
मध्य प्रदेश में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली और हैरान कर देने वाली घटना शिवपुरी जिले से सामने आई है। यहां खनियाधाना तहसील के भोरट गांव के एक शासकीय प्राथमिक विद्यालय का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्कूल के मास्टर साहब बच्चों को पढ़ाने की बजाय गहरी नींद में सोते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि बच्चे क्लासरूम में अपने आप कुछ भी पढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा नींद पर ध्यान
यह मामला 30 अगस्त 2025 का बताया जा रहा है, जब शनिवार को स्कूल में मास्टर साहब अपनी ड्यूटी के दौरान सोते हुए कैमरे में रिकॉर्ड हो गए। बताया जा रहा है कि यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि मास्टर साहब की यह आदत काफी पुरानी है। कई बार इलाके के ग्रामीणों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि सरकार से तनख्वाह लेने के बावजूद वे बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते और स्कूल में आकर सो जाते हैं। लेकिन उनकी आदत में कोई बदलाव नहीं आया।
ग्रामीणों ने बनाया वीडियो और किया वायरल
वहीं शनिवार को जब मास्टर साहब एक बार फिर बच्चों को पढ़ाने की बजाय सोते हुए मिले, तो गांव के कुछ लोगों ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह वीडियो शिक्षक ध्रुव सिंह यादव का बताया जा रहा है। वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा व्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग शिक्षक की गैर-जिम्मेदारी पर सवाल उठा रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञा
वहीं वीडियो वायरल होने के बाद शिवपुरी जिला शिक्षा विभाग के डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार ने मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि खनियाधाना तहसील के अंतर्गत एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक का सोते हुए वीडियो सामने आया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डीपीसी ने कहा कि यदि जांच में शिक्षक दोषी पाए जाते हैं और वीडियो की प्रामाणिकता सिद्ध होती है, तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्राथमिक जांच में ग्रामीणों ने शिक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसे संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
वहीं इस घटना के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिस समय शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय स्कूल में नींद पूरी कर रहे थे, उस समय बच्चे बिना किसी मार्गदर्शन के खुद से पढ़ने को मजबूर थे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐसे ही हालात रहे, तो बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ेगा।