PM मोदी और RSS का विवादित कार्टून बनाने वाले कार्टूनिस्ट को बड़ी राहत,
माफीनामा मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त अग्रिम जमानत
8 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर विवादित कार्टून बनाने के मामले में इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने सोशल मीडिया पर जारी उनके माफीनामे को मंजूर करते हुए उन्हें सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि मालवीय को पुलिस जांच में पूरा सहयोग करना होगा, अन्यथा उनकी जमानत रद्द की जा सकती है।
सोशल मीडिया पर मांगी माफी
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बताया कि हेमंत मालवीय ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर माफी मांगते हुए हलफ़नामा दायर करने की सहमति जताई है। अदालत ने 15 जुलाई को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा को स्थायी रूप से लागू करने का निर्णय लिया। हालांकि, जमानत इस शर्त के साथ दी गई है कि मालवीय जांच में सहयोग करेंगे। अगर वह ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो मध्य प्रदेश पुलिस को सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत रद्द करने का अधिकार होगा। इससे पहले, 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी मांगने की अनुमति दी थी। कोर्ट के आदेश के बाद हेमंत मालवीय ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सार्वजनिक रूप से माफीनामा जारी किया था।
हेमंत मालवीय पर क्या लगे आरोप ?
हेमंत मालवीय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS को लेकर आपत्तिजनक कार्टून बनाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्टून को "अपरिपक्व और भड़काऊ" बताया था। इससे पहले, हेमंत ने 3 जुलाई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट का मानना था कि मालवीय ने "अभिव्यक्ति की आजादी" का गलत इस्तेमाल किया है और उनके कार्टून पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हेमंत मालवीय का कहना है कि विवादित कार्टून उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान बनाया था, जब पूरे देश में डर का माहौल था। हालांकि, हाल के दिनों में कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके पुराने कार्टून को फिर से शेयर करना शुरू कर दिया, जिससे मामला दोबारा सुर्खियों में आ गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्टून शेयर करते हुए कुछ यूजर्स केंद्र सरकार पर तंज कस रहे हैं कि सरकार वक्फ और पहलगाम जैसे मुद्दों को छिपाने के लिए जातिगत जनगणना लागू कर रही है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख
विवाद बढ़ने के बाद हेमंत मालवीय ने मध्य प्रदेश में दर्ज FIR में गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनके वकील ने अदालत को आश्वस्त किया था कि मालवीय सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगेंगे। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने दलील दी कि विवादित पोस्ट को डिलीट नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि जांच अभी जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि मालवीय से लिखित अंडरटेकिंग ली जानी चाहिए कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे और भविष्य में कोई विवादित सामग्री साझा नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार करते हुए हेमंत मालवीय को 10 दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी मांगने का आदेश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया था।