चाहें बाढ़ हो, दलदल हो या बर्फ…हर जगह से निकालेगा सेना का ये शानदार व्हीकल,
जानें क्या है नाम और खासियत
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
देशभर में इस समय मॉनसून की बारिश कहर बरपा रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और असम समेत कई राज्यों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। नदी-नालों के उफान और लगातार बढ़ते जलस्तर ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। गांवों में घरों तक पानी घुस चुका है, सड़कें बह चुकी हैं और कई जगहों पर संपर्क पूरी तरह टूट गया है। इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना भी राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है। अमृतसर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना ने लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए एक खास वाहन का इस्तेमाल शुरू किया है। यह वाहन है ATOR N1200 स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल (SMV), जो अपनी आधुनिक तकनीक और जबरदस्त परफॉर्मेंस की वजह से मौजूदा रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
बेखौफ दौड़ने वाला स्पेशल व्हीकल
भारतीय सेना ने ATOR N1200 को खास तौर पर उन क्षेत्रों में तैनात किया है, जहां सामान्य गाड़ियां नहीं चल सकतीं। यह एक एडवांस एंफिबियस व्हीकल है, जिसे विशेष रूप से कठिन और चुनौतीपूर्ण इलाकों में ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है। इसे एक्स्ट्रीम मोबिलिटी व्हीकल भी कहा जाता है क्योंकि यह न केवल समतल रास्तों पर, बल्कि कीचड़, दलदली इलाकों, पानी, रेत और बर्फ में भी आसानी से चल सकता है। भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस वाहन को पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन के तहत तैयार किया गया है। इस समय इस व्हीकल की तैनाती कच्छ के कठिन इलाकों और उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में की गई है, जहां इसकी क्षमताओं का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। अमृतसर में बाढ़ के चलते जब हालात बिगड़े, तब सेना ने इसी व्हीकल को राहत अभियान में उतारने का फैसला किया।
पावरफुल इंजन और हर मौसम में शानदार परफॉर्मेंस
ATOR N1200 की सबसे बड़ी खासियत इसका दमदार इंजन है। इसमें 1.2 लीटर का टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन दिया गया है, जो इसे 136 हॉर्सपॉवर की ताकत प्रदान करता है। यह पावर इसे तेज, स्थिर और अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी भरोसेमंद बनाती है। इस व्हीकल में फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम है, जिसकी मदद से यह कीचड़ भरे रास्तों से लेकर उफनती नदियों तक, हर जगह बिना अटके चल सकता है। इसके अलावा इसमें 600 मिलीमीटर की ग्राउंड क्लियरेंस दी गई है, जिससे यह ऊबड़-खाबड़ इलाकों और गहरे पानी में भी आसानी से आगे बढ़ सकता है। खास बात यह है कि ATOR N1200 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी मौसम में माइनस 40 डिग्री से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस तक बेधड़क काम कर सकता है। यह सुविधा इसे भारत के कठिन भौगोलिक इलाकों के लिए खासतौर पर उपयुक्त बनाती है। इस व्हीकल में नौ लोगों के बैठने की क्षमता है, जिससे एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें 95 लीटर का फ्यूल टैंक दिया गया है, जिसे जरूरत पड़ने पर 200 लीटर तक बढ़ाया जा सकता है। इसकी मदद से यह वाहन लगभग ढाई दिन तक लगातार चल सकता है, जो आपदा जैसी स्थितियों में एक बड़ी राहत है।
हर मिशन में कारगर
ATOR N1200 की बहुमुखी क्षमताएं इसे सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए ही नहीं, बल्कि बॉर्डर सुरक्षा और निगरानी जैसे संवेदनशील मिशनों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बनाती हैं। मौजूदा समय में यह वाहन बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू अभियान के दौरान सेना के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। चाहे नदी में फंसे लोगों को बचाना हो, ऊंचे जलस्तर में जरूरी सामान पहुंचाना हो या फिर दलदली इलाकों में राहत सामग्री पहुंचानी हो, ATOR N1200 हर स्थिति में पूरी तरह सक्षम है। भारतीय सेना की रेस्क्यू टीमों का कहना है कि इस व्हीकल के आने से राहत कार्यों की गति और दायरा दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
JSW Gecko ने किया तैयार
ATOR N1200 का निर्माण भारत की JSW Gecko कंपनी ने किया है। भारतीय सेना ने इस कंपनी को 96 गाड़ियों का ऑर्डर दिया था, जिसके लिए लगभग 250 करोड़ रुपये की डील की गई थी। इस व्हीकल की क्षमताओं को देखते हुए इसे पहली बार देश के सामने गणतंत्र दिवस 2024 की परेड में प्रदर्शित किया गया था। तब से लेकर अब तक यह वाहन सेना की रणनीतिक तैयारियों में लगातार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।