अमेरिका ने की भारत के विरुद्ध Limited Trade War की घोषणा,
50 प्रतिसत टैरिफ का नोटिफीकेशन जारी
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
अमेरिका ने सोमवार को भारत के खिलाफ सीमित व्यापार युद्ध (Limited Trade War) की घोषणा करते हुए भारतीय वस्तुओं के आयात पर 50% टैरिफ लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया। यह टैरिफ 25% टैक्स और 25% पेनल्टी के रूप में होगा। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा जारी इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश पर उठाया गया है, जिसमें यह "आवश्यक और उपयुक्त" माना गया कि भारत पर टैरिफ लगाया जाए क्योंकि भारत सीधे या परोक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रहा है।
28 अगस्त से लागू होगा आदेश
यह टैरिफ 28 अगस्त सुबह 9:30 बजे (IST) से लागू हो जाएगा। इसके बाद भारत से अमेरिका को होने वाले $87.3 बिलियन के कुल निर्यात में से लगभग आधा हिस्सा प्रभावित होगा। प्रभावित क्षेत्रों में टेक्सटाइल और परिधान, रत्न और आभूषण, समुद्री उत्पाद (मुख्य रूप से झींगे) और चमड़े के सामान शामिल हैं।
फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स को छूट
भारतीय फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री, जो अमेरिकी बाजार को जेनेरिक दवाओं की बड़ी आपूर्ति करती है, और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा स्मार्टफोन (जिसमें एप्पल आईफोन भी शामिल हैं) को इस टैरिफ से छूट दी गई है।
टैरिफ का असर भारतीय निर्यात पर
हालांकि कुछ टैरिफ की भरपाई भारतीय निर्यातक दाम घटाकर और अमेरिकी आयातक अतिरिक्त भुगतान करके कर सकते हैं, लेकिन फिर भी भारतीय उत्पाद गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे। भारत के पड़ोसी देशों के निर्यातकों पर केवल 10% से 25% तक टैरिफ लगता है, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग घटने की आशंका है।
MSMEs पर बड़ा असर, बेरोजगारी बढ़ने का खतरा
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, ऐसे में इस टैरिफ का असर विशेष रूप से MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) पर पड़ेगा। विश्लेषकों के अनुसार, ऑर्डर्स में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे छंटनी और बेरोजगारी बढ़ने की संभावना है।
GDP पर संभावित असर
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी 0.2% से 1% तक घट सकती है, जिससे लगभग 7 अरब डॉलर से 25 अरब डॉलर तक का आर्थिक नुकसान संभव है। हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू खपत पर आधारित है और अमेरिका को निर्यात केवल 2% से 2.5% जीडीपी में योगदान देता है, इसलिए समग्र प्रभाव कुछ हद तक नियंत्रित रहने की संभावना है।
भारत को निशाना, चीन को छूट
दिलचस्प बात यह है कि नोटिफिकेशन में चीन का कोई जिक्र नहीं है, जबकि चीन भारत से कहीं ज्यादा रूसी तेल आयात करता है। इससे साफ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जानबूझकर भारत को निशाना बनाया है, जबकि वे चीन को छूट दे रहे हैं और रूस के साथ खुले तौर पर नजदीकी बनाए हुए हैं।
मोदी सरकार का रुख स्पष्ट
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ घंटों पहले ही साफ कहा था कि भारत किसी भी दबाव में झुकेगा नहीं।