छह दशक की सेवा के बाद मिग-21 जेट को अंतिम विदाई,
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भरी आंखरी उड़ान, इसी से ली थी पहली ट्रेनिंग
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारतीय वायुसेना के सबसे प्रतिष्ठित और विवादित फाइटर जेट मिग-21 अगले महीने से ऑपरेशनल रोल से पूरी तरह बाहर हो जाएंगे। छह दशक तक आसमान में अपनी दहाड़ से दुश्मनों को भयभीत करने वाला यह विमान अब इतिहास का हिस्सा बन जाएगा। भारतीय वायुसेना (IAF) इसे चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले विशेष समारोह में औपचारिक रूप से विदाई देगी।
एयर चीफ मार्शल ने भरी आखिरी उड़ान
विदाई से पहले भारतीय एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने राजस्थान के नाल एयरफील्ड से मिग-21 में अपनी आखिरी उड़ान भरी। इस उड़ान का भावनात्मक महत्व भी था, क्योंकि 1985 में एपी सिंह ने अपनी पहली ऑपरेशनल ट्रेनिंग भी इसी विमान से शुरू की थी। उन्होंने इस मौके के लिए वही पुराना सिलसिला दोहराया, पहले पढ़ाई, फिर ड्यूल फ्लाइंग, और उसके बाद सोलो उड़ान। इस दौरान उन्होंने तीन से चार सोलो शॉर्टी भरीं, जिनमें से हर उड़ान करीब 40 मिनट की रही।
मिग-21 से जुड़ी यादें और परंपराएं
मिग-21 केवल एक विमान नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना के इतिहास का ऐसा अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। कई एयरफोर्स चीफ्स के लिए यह विमान उनके करियर की शुरुआत और अंत दोनों का गवाह रहा। आरकेएस भदौरिया ने 13 सितंबर 2021 को अपने रिटायरमेंट से 15 दिन पहले मिग-21 उड़ाया। बीएस धनोआ ने भी सितंबर 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ मिग-21 के दो-सीटर वर्जन में उड़ान भरी। धनोआ ने 1999 के करगिल युद्ध में फ्रंटलाइन ग्राउंड अटैक स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी और मई 2019 में स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को श्रद्धांजलि देने के लिए मिग-21 से ‘मिसिंग मैन फॉर्मेशन’ में उड़ान भरी।
‘फ्लाइंग कॉफिन’ से लेकर गौरव तक
एक दौर ऐसा भी था जब मिग-21 को लगातार दुर्घटनाओं के कारण ‘फ्लाइंग कॉफिन’ कहा जाने लगा था। लेकिन इसके बावजूद यह विमान भारतीय वायुसेना का भरोसेमंद हिस्सा बना रहा। जनवरी 2017 में एयर चीफ मार्शल धनोआ ने उत्तरलाई एयरबेस से सिंगल-सीटर मिग-21 उड़ाया था, जबकि इससे पहले किसी एयरफोर्स चीफ ने अकेले मिग-21 उड़ान 2000-2001 में भरी थी।
मिग-21 की विरासत
1960 के दशक में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने मिग-21 ने भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई दी। चाहे करगिल युद्ध हो या देश की सीमाओं की सुरक्षा, इस जेट ने कई बार अपनी ताकत साबित की। अब, जब यह विमान ऑपरेशनल सेवा से बाहर हो रहा है, तब भी इसकी विरासत भारतीय वायुसेना के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगी। अगर आप चाहें, तो मैं इसके साथ एक 16:9 फीचर इमेज भी डिज़ाइन कर सकता हूं, जिसमें मिग-21 की विदाई, एयर चीफ मार्शल की आखिरी उड़ान और इतिहासिक क्षण को विजुअल स्टोरीटेलिंग के रूप में दिखाया जाएगा।