केंद्रीय मंत्री के घर के पास मिले बहुत सारे वोटर आईडी कार्ड...
मचा सियासी घमासान...
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
देशभर में इस वक्त बिहार के SIR (वोटर लिस्ट रीविजन) और वोट चोरी को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया है कि चुनावों में बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई है और उन्होंने अपने दावों के समर्थन में सबूत भी पेश किए हैं। इसी बीच, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे घटनाक्रम को और ज्यादा गंभीर बना दिया है।
आधा सैकड़ा ID कार्ड
मिली जानकारी के मुताबिक, यहां बुधवार देर शाम टीकमगढ़ शहर में केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ. वीरेन्द्र खटीक के घर के पास से करीब आधा सैकड़ा वोटर आईडी कार्ड बरामद हुए हैं। जैसे ही यह खबर फैली, सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। इस घटना ने उस वक्त एक नई बहस को जन्म दे दिया है, जब देश में पहले से ही वोट चोरी को लेकर तीखी चर्चाएं जारी हैं।
सांसद प्रतिनिधि ने बताया साजिश
वहीं इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री के सांसद प्रतिनिधि विवेक चतुर्वेदी ने बड़ा बयान देते हुए इसे एक साजिश करार दिया। उनका कहना है कि मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार की छवि खराब करने के मकसद से यह षड्यंत्र रचा गया है। चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि पड़ोस में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के एक शासकीय कर्मचारी ने ही ये वोटर आईडी कार्ड मंत्री के घर के पास फेंके हैं। इस दावे के समर्थन में उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी प्रस्तुत की है। हालांकि, फुटेज में किसी को स्पष्ट रूप से कार्ड फेंकते नहीं देखा जा सकता, लेकिन इसमें एक महिला कचरे जैसी कोई वस्तु फेंकते जरूर नजर आ रही है। वहीं, इस मामले में प्रशासन ने अलग रुख अपनाया है। तहसीलदार सतेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि बरामद किए गए सभी वोटर आईडी कार्ड साल 2011 में बने हुए हैं। निर्वाचन शाखा फिलहाल इन कार्डों की विस्तृत जांच कर रही है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सियासी बवाल के बीच उठे कई सवाल
वहीं केंद्रीय मंत्री के घर के पास से मिले इन वोटर आईडी कार्डों ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इतनी बड़ी संख्या में ये कार्ड आए कहां से? क्या इनका दुरुपयोग किसी चुनाव में किया गया या किसी अन्य साजिश के तहत इन्हें इकट्ठा किया गया? जब पूरे देश में वोट चोरी और SIR को लेकर पहले से ही बवाल मचा हुआ है, तब केंद्रीय मंत्री के घर के पास इतनी संदिग्ध तरीके से वोटर आईडी कार्ड का मिलना महज एक संयोग है या इसके पीछे कोई गहरी चाल छिपी हुई है ? टीकमगढ़ में घटित यह घटना अब मध्य प्रदेश की राजनीति में भी तूफान खड़ा कर चुकी है। मामला जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, सियासी बयानबाजी भी तेज होती जा रही है। सभी की निगाहें अब निर्वाचन शाखा की जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं, जो इस पूरे विवाद की असल सच्चाई सामने लाएगी।