राहुल गांधी की नागरिकता मामले पर सुनवाई ख़त्म,
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनाया ये फैसला
1 months ago
Written By: NEWS DESK
Rahul Gandhi Citizenship: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ी कोई ठोस रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है, इसलिए इस मामले को और लंबित नहीं रखा जा सकता।
कोर्ट की टिप्पणी: रिपोर्ट का इंतजार याचिका के निष्कर्ष में बाधा नहीं
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित रखना उचित नहीं है। जब भी केंद्र सरकार को संबंधित रिपोर्ट प्राप्त हो, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराई जाए और कोर्ट में भी पेश की जाए। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस मामले को किसी अन्य उपयुक्त फोरम या कोर्ट में ले जा सकता है।
केंद्र सरकार का पक्ष और याचिकाकर्ता के आरोप
केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने अदालत को बताया कि यह मामला दो देशों के बीच की संवेदनशील जानकारी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यूके सरकार को कई रिमाइंडर भेजे गए हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए थोड़ा और समय दिया जाए।
वहीं, याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर रहते हुए खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। उन्होंने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
21 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार की स्थिति रिपोर्ट को अपर्याप्त मानते हुए सख्त टिप्पणी की थी कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, इसमें देरी स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने पूछा था कि “राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं? 10 दिन में स्पष्ट कीजिए।” उस समय राहुल गांधी की ओर से कोई वकील भी अदालत में उपस्थित नहीं हुआ था।
अब तक की सुनवाई का क्रम
- 19 दिसंबर 2024: कोर्ट ने ASG सूर्यभान पांडेय को गृह मंत्रालय से रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया।
- 24 मार्च: कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, लेकिन सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा।
- 21 अप्रैल: कोर्ट ने केंद्र की रिपोर्ट को नाकाफी बताया और दो टूक कहा कि देरी नहीं चलेगी।
- अब: कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए बंद कर दिया कि नागरिकता पर निर्णय के लिए पर्याप्त जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है।
यह मामला लंबे समय से राजनीतिक और कानूनी बहस का विषय बना हुआ था, लेकिन अब कोर्ट के इस फैसले से अस्थायी रूप से विराम लग गया है।