पहले हाईकोर्ट देखेगा योगी आदित्यनाथ पर आधारित फिल्म…
जानें क्या है पूरा विवाद…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ को लेकर जारी विवाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। गुरुवार को हुई सुनवाई में अदालत ने फिल्म से जुड़े सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और इस मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद फिल्म देखने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि वह फिल्म देखने के बाद ही इस पर अपना फैसला सुनाएगा।
सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं के बीच टकराव
फिल्म के निर्माता सम्राट सिनेमैटिक प्रोडक्शन हाउस का कहना है कि उन्होंने 5 जून को फिल्म के सर्टिफिकेट के लिए सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) में आवेदन किया था, लेकिन तय समय सीमा 15 दिनों के भीतर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद 3 जुलाई को उन्होंने ‘प्राथमिकता योजना’ के तहत तीन गुना फीस भरकर दोबारा आवेदन किया। 7 जुलाई को उन्हें फिल्म की स्क्रीनिंग की तारीख दी गई, लेकिन यह स्क्रीनिंग अचानक एक दिन पहले ही बिना किसी कारण रद्द कर दी गई।निर्माताओं का आरोप है कि यह फिल्म योगी आदित्यनाथ के निजी और राजनीतिक जीवन पर आधारित एक प्रेरणादायक कहानी है, लेकिन सेंसर बोर्ड बिना ठोस वजह बताए फिल्म की रिलीज़ में बाधा डाल रहा है।
सीबीएफसी की 29 आपत्तियां और नाराजगी
फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे अभिनेता अजय मेंगी ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर फिल्म क्यों रोकी जा रही है। उनका कहना है कि यह फिल्म ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ किताब पर आधारित है और इसमें किसी तरह की आपत्तिजनक सामग्री नहीं है। अभिनेता ने बताया कि सीबीएफसी की एग्जामिनेशन कमेटी ने फिल्म के 29 सीन पर आपत्ति जताई थी। बाद में रिवाइजिंग कमेटी ने इनमें से 8 आपत्तियां हटा दीं, लेकिन 21 आपत्तियां अब भी बरकरार हैं। इन आपत्तियों की प्रकृति को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक सीन में सिर्फ ‘सॉरी’ शब्द बोला गया था, जिस पर सीबीएफसी ने यह सवाल उठाया कि यहां ‘सॉरी’ क्यों कहा गया। निर्माताओं का मानना है कि इस तरह की आपत्तियां पूरी तरह असंगत और अनुचित हैं।
फिल्म पर CM कार्यालय से NOC की मांग का आरोप
फिल्म निर्माताओं ने अपनी याचिका में एक गंभीर आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (NOC) लाने के लिए कहा गया, जबकि कानून में ऐसी किसी भी प्रक्रिया का कोई प्रावधान नहीं है। निर्माताओं का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है और इस तरह की शर्त लगाकर फिल्म की रिलीज़ रोकना पूरी तरह अवैध है।
रवींद्र गौतम का निर्देशन और दमदार स्टारकास्ट
फिल्म का निर्देशन मशहूर निर्देशक रवींद्र गौतम ने किया है, जिन्होंने वेब सीरीज ‘महारानी 2’ से अपनी खास पहचान बनाई थी। इस फिल्म में दिनेश लाल यादव (निरहुआ), अजय मेंगी, पवन मल्होत्रा, राजेश खट्टर, गरिमा विक्रांत सिंह और सरवर आहूजा जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे। फिल्म की कहानी को दिलीप बच्चन झा और प्रियांक दुबे ने मिलकर लिखा है, जबकि संगीत का जिम्मा मीत ब्रदर्स ने संभाला है। खास बात यह है कि यह फिल्म सिर्फ हिंदी में ही नहीं, बल्कि तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में भी रिलीज़ की जाएगी।
अब सबकी नजर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर
फिल्म निर्माताओं की सारी उम्मीदें अब सोमवार को आने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। अदालत फिल्म देखने के बाद ही यह तय करेगी कि ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ को थिएटर में रिलीज़ की मंजूरी मिलेगी या नहीं। इस फिल्म से जुड़ा विवाद केवल सेंसरशिप के मुद्दे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सिनेमाई आज़ादी की एक बड़ी बहस को भी जन्म दे चुका है।