भगवान शिव को क्यों बेहद पसंद है सावन का महीना,
जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी
10 days ago
Written By: ANJALI
भगवान शिव और सावन मास का संबंध अत्यंत गहरा और आध्यात्मिक है। यह महीना भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, क्योंकि इस दौरान शिवजी की आराधना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं कि सावन को शिव का प्रिय महीना क्यों माना जाता है और इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं क्या हैं।
1. माता पार्वती की तपस्या और शिव-पार्वती विवाह
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता सती ने अपने दूसरे जन्म (पार्वती रूप में) में शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए सावन मास में कठोर तपस्या की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया और इसी महीने उनका विवाह हुआ। कहा जाता है कि माता पार्वती ने 108 जन्मों तक शिव को पाने के लिए तप किया, और 108वें जन्म में सावन के महीने में ही उनकी मनोकामना पूरी हुई। इसीलिए यह महीना शिव-पार्वती की भक्ति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
2. समुद्र मंथन और हलाहल विषपान
सावन के महीने में ही समुद्र मंथन से निकले विष (हलाहल) को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण किया था। इस विष की अग्नि से उनका कंठ नीला पड़ गया, जिसके बाद उन्हें "नीलकंठ" कहा जाने लगा। शिवजी ने संपूर्ण सृष्टि की रक्षा के लिए यह विष पिया, जिससे देवताओं और मनुष्यों को बचाया। इस महीने में उनकी इस महान त्याग और करुणा की याद में उनकी पूजा की जाती है।
3. शिवजी का पृथ्वी पर आगमन
मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर आते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। कहते हैं कि जब माता पार्वती अपने मायके (हिमालय) आईं, तो शिवजी भी इसी महीने में उनसे मिलने पृथ्वी लोक पर आए थे। तब से हर साल सावन में शिवजी की विशेष पूजा की जाती है।
4. चातुर्मास और रुद्रावतार
हिंदू धर्म के अनुसार, चातुर्मास (चार महीने की अवधि) में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, और इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव अपने रुद्रावतार में करते हैं। सावन इसी अवधि का प्रारंभिक महीना है, इसलिए इसमें शिव की उपासना विशेष फलदायी होती है। माना जाता है कि रुद्र रूप में शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सावन में क्यों करें शिव पूजा?
इस माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाने, बेलपत्र अर्पित करने और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करने से विशेष पुण्य मिलता है। सोमवार के दिन व्रत रखने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और अखंड सौभाग्य व धन-समृद्धि प्रदान करते हैं। इस समय शिव की आराधना करने से कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।