शिवालय या तीर्थ स्थान पर जाने का कर रहे प्लान,
जरुर करें ये काम
10 days ago
Written By: ANJALI
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना का सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है। इस पावन माह में प्रत्येक दिन व्रत, पूजन और अभिषेक का विशेष महत्व है। शिवपुराण के अनुसार, इस मास में 'नक्त व्रत' (एक समय भोजन) करने और प्रतिदिन रुद्राभिषेक करने से भक्तों को भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होती है। यही नहीं, इससे सुख, समृद्धि, यश और स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी मिलता है।
तीर्थ यात्रा: आत्मिक शुद्धि का मार्ग
सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु शिवालयों और ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करते हैं। परंतु, तीर्थ यात्रा केवल घूमने-फिरने या दर्शनीय स्थलों की सैर नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और भक्ति का मार्ग है। इस यात्रा का उद्देश्य भगवान के दिव्य स्वरूप से जुड़कर आंतरिक शांति और ऊर्जा प्राप्त करना है।
यात्रा में इन बातों का रखें ध्यान:
मर्यादा और संयम:
तीर्थ स्थलों पर सेल्फी लेने, खरीदारी करने या स्वादिष्ट भोजन की तलाश में समय न गँवाएँ। बल्कि, मन को शांत रखकर भगवान के नाम का जाप करें और उनकी चेतना में लीन रहें।
मौन और आत्मचिंतन:
यात्रा के दौरान अधिक बोलने के बजाय मौन रहकर अपने अंतर्मन से जुड़ें। सात्त्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार, प्याज-लहसुन आदि से परहेज करें।
विनम्रता और धैर्य:
मंदिरों में भीड़ के कारण लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है, लेकिन धैर्य बनाए रखें। दर्शन के समय मोबाइल या कैमरे से छवि कैद करने के बजाय, उस पल को हृदय में संजोएँ। मंदिर से निकलकर भी उस दिव्य छवि का ध्यान करें, ताकि वह आपके मन में स्थिर हो जाए।