सावन में इस तरह से करें रुद्राभिषेक,
जाने सही विधि
21 days ago
Written By: ANJALI
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पावन और प्रभावशाली समय माना जाता है। यह महीना शिवभक्तों के लिए विशेष होता है, क्योंकि इसमें की गई भक्ति और पूजा-अर्चना से मनचाहा फल प्राप्त किया जा सकता है। विशेष रूप से रुद्राभिषेक – जो कि शिवजी का अभिषेक करने की विशेष विधि है – इस माह में अत्यंत फलदायी माना गया है।
रुद्राभिषेक क्या है?
'रुद्राभिषेक' दो शब्दों से मिलकर बना है – रुद्र यानी भगवान शिव और अभिषेक यानी पवित्र स्नान या चढ़ाना। इसमें शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद आदि से अभिषेक किया जाता है और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भी भरपूर मानी जाती है।
धार्मिक महत्व
रुद्राभिषेक करने से जीवन में मौजूद तमाम बाधाएं दूर होती हैं।
यह नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को शांत करता है
आर्थिक और मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है
रोगों और संकटों से मुक्ति मिलती है
घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है
विशेषकर सावन माह में किया गया रुद्राभिषेक कई गुना फल देने वाला होता है।
रुद्राभिषेक करने की सरल विधि (How to do Rudrabhishek at Home?)
स्नान और संकल्प:
सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर हाथ में जल और चावल लेकर रुद्राभिषेक का संकल्प लें।
शिवलिंग की स्थापना:
एक साफ स्थान पर शिवलिंग स्थापित करें। अगर घर में शिवलिंग नहीं है, तो मिट्टी से बनाकर किसी पवित्र पात्र में रखें।
अभिषेक सामग्री:
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के उच्चारण के साथ निम्न सामग्री से एक-एक करके अभिषेक करें:
शुद्ध जल
दूध
दही
घी
शहद
गन्ने का रस
पंचामृत
अंतिम स्नान और शृंगार:
अंत में फिर से शुद्ध जल से शिवलिंग का स्नान कराएं। फिर शिवलिंग को साफ कपड़े से पोंछकर भस्म, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, भांग और फूलों से शृंगारित करें।
मंत्र जाप और आरती:
रुद्राभिषेक के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करते रहें:
ॐ नमः शिवाय
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…
पूजा के अंत में शिवजी की आरती करें और अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
प्रसाद वितरण:
पूजा पूर्ण होने के बाद परिवारजनों और आसपास के लोगों को प्रसाद वितरित करें।