सावन में कब और क्यों मनाई जाती है शिवरात्रि,
नोट कर ले डेट और मुहूर्त
10 days ago
Written By: ANJALI
हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस पवित्र माह में आने वाली सावन शिवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है। यह पर्व सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सावन शिवरात्रि 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 23 जुलाई, सुबह 04:39 बजे
चतुर्दशी तिथि समापन: 24 जुलाई, रात 02:28 बजे
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:15 AM – 04:56 AM
विजय मुहूर्त: 02:44 PM – 03:39 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:17 PM – 07:38 PM
निशिता मुहूर्त: 12:07 AM – 12:48 AM
सावन शिवरात्रि का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने पीकर संसार की रक्षा की थी। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया, जिसके कारण उन्हें नीलकंठ कहा जाने लगा। इस घटना के बाद देवताओं ने शिवजी का जलाभिषेक किया, जिससे उन्हें शांति मिली। तभी से सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है। भक्त गंगाजल लेकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं और भोले बाबा की कृपा प्राप्त करते हैं।
सावन शिवरात्रि पर पूजा विधि
प्रातः स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग की स्थापना: यदि संभव हो, तो घर में शिवलिंग स्थापित करें या शिव मंदिर में जाएं।
जलाभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें।
बिल्व पत्र और धतूरा चढ़ाएं: शिवजी को बिल्व पत्र, धतूरा, आक के फूल और भांग अर्पित करें।
मंत्र जाप: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या रुद्राभिषेक पाठ करें।
दीप प्रज्वलन: शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं और धूप-दीप से आरती करें।
दान-पुण्य: इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।
विशेष उपाय
इस दिन रुद्राक्ष धारण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करने से शिव कृपा बढ़ती है।
शिव पार्वती की कथा सुनने से पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।