श्रावण के महीने में कहां रहते है भगवान शिव
जानें रहस्य और महत्व!
22 days ago
Written By: ANJALI
श्रावण मास यानी सावन का महीना इस बार 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। यह पावन मास भगवान शिव की आराधना और भक्ति के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है। पूरे महीने शिवभक्त व्रत, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और कावड़ यात्रा जैसे धार्मिक अनुष्ठानों से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। यही कारण है कि सावन हिंदू पंचांग का सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है।
कहां निवास करते है भगवान शिव
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव अपने धाम कैलाश से उतरकर सपरिवार पृथ्वी पर निवास करते हैं। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि भोलेनाथ इस समय हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में निवास करते हैं, जिसे उनका ससुराल भी माना जाता है। यह मान्यता देवी सती और उनके पिता दक्ष प्रजापति की कथा से जुड़ी है। शिव पुराण के अनुसार, एक बार दक्ष ने कनखल में एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें शिवजी को आमंत्रित नहीं किया गया। सती बिना बुलाए पिता के घर पहुंचीं, लेकिन वहां शिव का अपमान होते देख उन्होंने यज्ञ अग्नि में स्वयं को समर्पित कर दिया। इस घटना से आक्रोशित होकर भगवान शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न किया और दक्ष का वध कर दिया। बाद में देवताओं के आग्रह पर शिव ने दक्ष को पुनर्जीवित कर दिया और उनसे वचन लिया कि वे हर साल सावन के महीने में कनखल में निवास करेंगे।
ससुराल में करते है निवास
इसी के फलस्वरूप आज भी मान्यता है कि सावन में शिवजी हरिद्वार के कनखल में दक्षेश्वर महादेव के रूप में विराजमान होते हैं और भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं। यह महीना सिर्फ शिवभक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि भगवान शिव के ससुराल आगमन और परिवार सहित उनके पृथ्वी पर निवास का भी प्रतीक है। इस प्रकार सावन केवल एक धार्मिक मास नहीं, बल्कि शिव और भक्तों के मिलन का शुभ अवसर भी है, जब स्वयं महादेव धरती पर आकर सभी भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।