सावन की हो गई शुरुआत,
भगवान शिव और पार्वती की जरुर करें आरती
15 days ago
Written By: ANJALI
हिंदू धर्म में सावन का महीना अत्यंत पवित्र और भगवान शिव को समर्पित माना गया है। इस वर्ष सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू हो चुका है। यह महीना भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दौरान भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन से दुखों का अंत होता है।
सावन महीने का महत्व
सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखकर शिव जी की पूजा की जाती है। भक्त मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। इस महीने में शिव आरती और माता पार्वती की आरती का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
भगवान शिव की आरती
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
दो भुज चार चतुर्भुज, दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखता, त्रिभुवन जन मोहे॥
अक्षमाला बनमाला, रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी॥
श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे॥
कर के मध्य कमंडलु, चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता, जगसंहारकर्ता॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये, तीनों एका॥
काशी में विश्वनाथ, विराजत नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत, महिमा अति भारी॥
त्रिगुण शिवजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
माता पार्वती की आरती
॥ जय पार्वती माता ॥
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल कदा दाता॥
अरिकुल पद्मा विनाशिनी, जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥
सिंह को वाहन साजे, कुंडल है साथा।
देव वधूजन गावत, नृत्य करत ताथा॥
सतयुग शील सुन्दर, नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी, सखियन रंगराता॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्याता।
सहस भुजा तनु धारिके, चक्र लियो हाथा॥
सृष्टि रूप तुही जननी, शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लही, सारा मदमाता॥
देवन अरज करत हम, चित को लाता।
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता, सुख संपति पाता॥
सावन में इन बातों का रखें ध्यान
प्रतिदिन शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें। शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाएं। सात्विक भोजन ग्रहण करें और व्रत के दिन अन्न का त्याग करें।