सावन में करायें भंडारा,
मिलेगी प्रभु की कृपा
9 days ago
Written By: ANJALI
सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। इस दौरान भक्तजन विभिन्न उपवास, पूजा-अर्चना और जप-तप करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में भंडारा (सामूहिक भोज) आयोजित करने से भोलेनाथ के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है? अन्नदान को सबसे बड़ा दान माना गया है, और सावन में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
मां अन्नपूर्णा: अन्न और समृद्धि की देवी
मां अन्नपूर्णा देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, जिन्हें अन्न, धन और पोषण की देवी माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार धरती पर अन्न की कमी हो गई, तब भगवान शिव ने स्वयं भिक्षु का रूप धारण कर मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। इसके बाद से ही उन्हें संसार का पालन-पोषण करने वाली देवी के रूप में पूजा जाने लगा। मान्यता है कि जो व्यक्ति अन्नदान करता है, उसके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
सावन में भंडारा करने के 5 अद्भुत लाभ
भोलेनाथ की विशेष कृपा
शिवजी को भंडारे (सामूहिक भोज) का विशेष महत्व है। सावन में भंडारा आयोजित करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद
अन्नदान से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं, जिससे घर में धन, अन्न और सुख-समृद्धि की कभी कमी नहीं होती।
पितरों को मिलती है शांति
भंडारे में भोजन करने वाले लोगों के आशीर्वाद से पितृदोष शांत होते हैं और पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।
अक्षय पुण्य की प्राप्ति
शास्त्रों में अन्नदान को सबसे बड़ा दान माना गया है। सावन में भंडारा करने से अक्षय पुण्य मिलता है, जो इस जन्म और अगले जन्मों में फल देता है।
समाज सेवा का पुण्य
भंडारा केवल धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि एक महान समाज सेवा भी है। इससे गरीबों और जरूरतमंदों की भूख मिटती है, जिसका पुण्य अतुलनीय है।
कैसे करें सावन में भंडारे का आयोजन?
शुभ मुहूर्त में शुरुआत: सावन के सोमवार या किसी शुभ दिन पर भंडारा आयोजित करें।
सात्विक भोजन बनाएं: सात्विक और शुद्ध शिवप्रिय भोजन (जैसे खिचड़ी, दाल-चावल, हलवा) बनाएं।
जरूरतमंदों को खिलाएं: गरीबों, साधु-संतों और आसपास के लोगों को भोजन कराएं।
मंत्रों के साथ वितरण: "ॐ अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकरप्राणवल्लभे। ज्ञानवैराग्यसिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति॥" का जप करें।