Pradosh Vrat 2025: तारीख को लेकर कंफ्यूजन खत्म…. प्रदोष व्रत दिसंबर में कब है,
जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूरी पूजा विधि
3 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाने वाला यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत के दिन श्रद्धालु प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन की पूजा करने से मनोवांछित फल मिलते हैं और संकट दूर होते हैं। साल 2025 का आखिरी प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा और उसकी पूजा कैसे करनी है, इसे लेकर लोग जानना चाहते हैं। आइए पूरी जानकारी सरल भाषा में समझते हैं।
कब है साल 2025 का आखिरी प्रदोष व्रत साल 2025 का अंतिम प्रदोष व्रत 17 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन बुधवार पड़ रहा है, इसलिए यह व्रत बुध प्रदोष कहलाएगा। शास्त्रों के अनुसार, बुधवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से व्यापार और करियर में विशेष लाभ मिलता है। पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 16 दिसंबर 2025, रात 11:57 बजे। त्रयोदशी तिथि का समापन 18 दिसंबर 2025, रात 2:32 बजे। तिथि की अवधि को देखते हुए व्रत 17 दिसंबर को ही रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शिव पूजा का समय सबसे शुभ माना जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रारंभ शाम 6:04 बजे। शुभ मुहूर्त समाप्त रात 8:41 बजे। इसी समय के बीच भगवान शिव की पूजा करने से पुण्य फल प्राप्त होते हैं।
प्रदोष व्रत की पूजा-विधि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करके शिवलिंग या शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। पंचामृत से अभिषेक करें। भगवान शिव को बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, कनेर के फूल और फल अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं। शिव चालीसा का पाठ करें और प्रदोष व्रत कथा पढ़ें या सुनें। अंत में भगवान शिव की आरती करें और पूजा संपन्न करें। माना जाता है कि इस व्रत से भगवान शिव प्रसन्न होकर सौभाग्य, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।