जानें कब है मंगला गौरी व्रत 2025,
क्या है इसकी व्रत कथा
19 days ago
Written By: ANJALI
सावन का पवित्र महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस महीने में जहां सोमवार को शिव जी की आराधना होती है, वहीं मंगलवार को देवी पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। विशेष रूप से विवाहित महिलाएं इस दिन मंगला गौरी व्रत रखती हैं, जो पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। वहीं अविवाहित कन्याएं इस व्रत को उत्तम वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। आइए जानें मंगला गौरी व्रत 2025 से जुड़ी प्रमुख बातें, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में।
मंगला गौरी व्रत 2025 की तिथि
सावन महीने का पहला मंगला गौरी व्रत मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को रखा जाएगा।
सावन का आरंभ इस वर्ष 11 जुलाई 2025 से हो रहा है और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा।
मंगला गौरी व्रत 2025 की पूजा विधि
व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें। पूजा और व्रत का संकल्प लें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता मंगला गौरी और भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। एक चौमुखी घी का दीपक जलाएं। माता को लाल वस्त्र, सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। विशेष बात: इस व्रत में हर वस्तु 16 की संख्या में अर्पित करना शुभ माना जाता है। भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, गंगाजल, और दूध आदि अर्पित करें। इसके बाद मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें। "ॐ मंगलाय नमः" या "ॐ गौरीशंकराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा के अंत में शिव-पार्वती की आरती करें और खीर, पूड़ी, हलवा, मीठा पान, नारियल आदि का भोग लगाएं। भोग के बाद व्रत का प्रसाद परिवार और शुभचिंतकों में बांटें।
मंगला गौरी व्रत के लाभ
इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान देता है। अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है। जिनकी कुंडली में मंगल दोष हो, उनके लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने स्वयं भी यह व्रत रखकर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था।
मंगला गौरी व्रत नारी जीवन की आस्था, श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक है। यह न सिर्फ वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाता है, बल्कि कुंडली दोष को भी शांत करता है। इस सावन, मंगला गौरी की उपासना करके हर स्त्री अपने जीवन को शुभ, सौभाग्यशाली और समृद्ध बना सकती है।