आज है सावन शिवरात्रि,
जानिए क्या है इसका महत्व
3 days ago
Written By: ANJALI
23 जुलाई 2025, बुधवार को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक है, जिस कारण यह दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से शिव पूजन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं तथा जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस माह में शिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की कृपा सहज ही प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार, सावन शिवरात्रि पर व्रत, पूजन और जप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा पापों का नाश होता है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने, बिल्वपत्र अर्पित करने और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
शिवरात्रि पूजन विधि
सुबह स्नान: गंगाजल मिले जल से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग अभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर (पंचामृत) से अभिषेक करें।
बिल्वपत्र अर्पण: शिवजी को बिल्वपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल चढ़ाएं।
मंत्र जाप: ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
धूप-दीप: देसी घी का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
भोग लगाएं: बेलपत्र, ठंडाई, खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
आरती: अंत में शिव आरती करके प्रसाद वितरित करें।
शिवरात्रि पर विशेष मंत्र
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भोग (प्रसाद) सामग्री
बेलपत्र
ठंडाई
खीर
सफेद मिठाई (जैसे खोया या मावे की बर्फी)
फल (विशेषतः बेल फल)
क्यों मनाते हैं सावन शिवरात्रि?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष का पान करने के बाद भगवान शिव ने इसी माह में नीलकंठ रूप धारण किया था। इसलिए सावन में शिवजी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।