शरीर पर छिपकली गिरना शुभ या अशुभ,
जाने क्या है इसका मतलब
1 months ago
Written By: ANJALI
हमारे आसपास पाए जाने वाले छोटे-छोटे जीव-जंतु न सिर्फ प्रकृति का हिस्सा हैं, बल्कि भारतीय ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, ये कुछ बेहद अहम संकेत भी देते हैं। शकुन शास्त्र में छिपकली, चींटी, कौआ, बिल्ली जैसे जीवों के व्यवहार को भविष्य की घटनाओं का संकेतक माना गया है। खासतौर पर शरीर पर छिपकली गिरना — इसे लेकर बहुत सी मान्यताएं प्रचलित हैं, जो शुभ और अशुभ दोनों हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं कि शरीर के किस हिस्से पर छिपकली गिरना किस तरह के फल की ओर इशारा करता है:
छिपकली गिरना – सामान्य बात, पर खास संकेत
छिपकलियों का घर या ऑफिस में दिखाई देना आम है। लेकिन जब ये किसी के शरीर पर गिर जाएं तो उसे यूं ही नजरअंदाज नहीं किया जाता। हिंदू धर्म में छिपकली का संबंध मां लक्ष्मी से भी जोड़ा गया है, इसलिए इसे धन, पद और प्रतिष्ठा से संबंधित संकेत देने वाला जीव माना गया है।
शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर छिपकली गिरने के संकेत
बाईं ओर छिपकली गिरना – शुभ संकेत
अगर छिपकली आपके बाएं हिस्से पर गिरती है, तो यह संकेत है कि आपके जीवन में कोई बड़ी सफलता, धन लाभ या सम्मान मिलने वाला है। यह किसी पुराने संघर्ष या चुनौती पर विजय का सूचक भी हो सकता है।
दाईं ओर छिपकली गिरना – अशुभ संकेत
छिपकली अगर दाहिनी ओर गिरे तो सावधान हो जाइए। यह धन हानि, नुकसान या कठिनाइयों के संकेत देता है। इस स्थिति में आर्थिक लेन-देन में सतर्कता बरतनी चाहिए।
भौंह पर छिपकली गिरना – आर्थिक नुकसान
यदि छिपकली आपकी भौंह पर गिरती है, तो यह विशेष रूप से वित्तीय नुकसान का इशारा करता है। यह समय सोच-समझकर निवेश करने का है।
गर्दन पर छिपकली गिरना – मान-सम्मान का संकेत
गर्दन पर छिपकली गिरना शुभ होता है। इसका अर्थ है कि आपको सामाजिक प्रतिष्ठा, मान-सम्मान या किसी उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही कोई शुभ समाचार भी मिलने के योग बनते हैं।
नाभि और घुटनों के बीच छिपकली गिरना – देवी लक्ष्मी की कृपा
अगर छिपकली आपके शरीर की नाभि और घुटनों के बीच गिरती है, तो यह अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। यह संकेत है कि आपके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होने वाली है। इस समय आर्थिक उन्नति, व्यापार में लाभ और समृद्धि के द्वार खुल सकते हैं।
डरें नहीं, समझें संकेत
छिपकली का गिरना जितना डरावना लग सकता है, उतना ही रहस्यमयी यह संकेत भी हो सकता है। शकुन शास्त्र के अनुसार ये संकेत हमें आने वाली घटनाओं की जानकारी देने का माध्यम हैं। अगर आप इन संकेतों को सही ढंग से समझें, तो इससे आपके जीवन में आने वाले समय की तैयारी की जा सकती है।