राजस्थान घूमने जाने का कर रहे है प्लान,
इस जगह को भूल कर भी न करें मिस
24 days ago
Written By: ANJALI
राजस्थान सिर्फ अपने भव्य किलों और महलों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी गूढ़ धार्मिक विरासत और रहस्यमयी मंदिरों के लिए भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक है – किराडू मंदिर, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और डरावनी मान्यताओं के लिए चर्चित है। राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित यह मंदिर न सिर्फ देवता महादेव का आशीर्वाद देता है, बल्कि यहां की रहस्यमयी हवा लोगों को कई सवालों में भी उलझा देती है।
कहां है किराडू मंदिर?
किराडू मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर एक शांत और वीरान इलाके में स्थित है, जो इसे और भी रहस्यमयी बनाता है। मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारत की द्रविड़ शैली से प्रेरित है और यह कई वर्षों से इतिहास प्रेमियों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता रहा है।
वास्तुकला और इतिहास
किराडू मंदिर परिसर में कई मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है सोमेश्वर महादेव मंदिर।
इतिहासकारों के अनुसार, इन मंदिरों का निर्माण एक हजार साल पहले परमार वंश के शासकों ने करवाया था। ये मंदिर द्रविड़ स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण हैं और इनकी जटिल नक्काशी किसी भी आगंतुक को हैरत में डाल देती है।
कैसे पहुंचें किराडू मंदिर?
हवाई मार्ग: श्रद्धालु नई दिल्ली से जोधपुर तक फ्लाइट लेकर, वहां से बस या टैक्सी द्वारा बाड़मेर पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग और सड़क मार्ग: जोधपुर से बाड़मेर के लिए बसें और ट्रेनें उपलब्ध हैं। बाड़मेर पहुंचने के बाद 40 किमी की दूरी तय कर किराडू मंदिर पहुंचा जा सकता है।
किराडू मंदिर की रहस्यमयी कथा
किराडू मंदिर से जुड़ी एक लोककथा आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देती है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक संत इस गांव में आए और उन्होंने यहीं निवास करना शुरू किया। एक दिन संत किसी कार्य से बाहर गए और उन्होंने अपने शिष्यों की देखभाल गांव वालों पर छोड़ी।
लेकिन संत के एक शिष्य की तबीयत बिगड़ गई और गांव वालों ने उसकी मदद नहीं की। केवल एक महिला ने उसकी सेवा कर उसे स्वस्थ किया। जब संत लौटे, तो उन्हें गांव वालों की बेरुखी का पता चला। क्रोधित होकर उन्होंने गांव को श्राप दे दिया कि सूर्य ढलते ही तुम सब पत्थर बन जाओगे। महिला को उन्होंने चेतावनी दी कि वह गांव छोड़ दे और पीछे मुड़कर न देखे, लेकिन जैसे ही वह महिला पीछे मुड़ी, वह भी पत्थर बन गई। तभी से यह मान्यता है कि शाम ढलने के बाद कोई भी किराडू मंदिर में नहीं रुकता।
किराडू मंदिर: दर्शन और डर के बीच संतुलन
आज भी स्थानीय लोग और श्रद्धालु मानते हैं कि शाम के बाद मंदिर परिसर में कोई नहीं ठहरता, क्योंकि किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। यह रहस्य ही इस मंदिर को इतना खास और आकर्षक बनाता है।
किराडू मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां इतिहास, आस्था और रहस्य एक साथ समाहित हैं। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी रहस्यमयी कथा इसे राजस्थान के सबसे चर्चित स्थलों में शामिल करती है।
अगर आप भी इतिहास, रहस्य और आध्यात्म से जुड़ी जगहों को देखने का शौक रखते हैं, तो किराडू मंदिर आपकी अगली यात्रा का हिस्सा जरूर बन सकता है – लेकिन ध्यान रहे, सूर्यास्त से पहले ही लौट आना!