पुरी न जा सकें तो क्या हुआ? घर पर ऐसे मनाएं रथ यात्रा और पाएं वही फल,
आप पर बनी रहेगी भगवान जगन्नाथ की कृपा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी शहर में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में श्रद्धा और भक्ति का सबसे बड़ा पर्व मानी जाती है। इस दिन लाखों लोग पुरी पहुंचते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विशाल रथों को खींचने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि इस यात्रा में भाग लेने से जीवन में शुभता आती है और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगर किसी कारणवश आप इस पवित्र यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो निराश न हों। घर पर रहकर भी आप कुछ विशेष कार्यों के माध्यम से रथ यात्रा का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
घर में करें भगवान जगन्नाथ की पूजा
रथ यात्रा के दिन सबसे पहले घर में भगवान जगन्नाथ की पूजा करें। सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और घर के पूजा स्थल पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की तस्वीर या मूर्ति रखें। फिर उन्हें ताजे फूल, फल, तुलसी के पत्ते और घी का दीपक अर्पित करें। पूजा करते समय मन में यह भावना रखें कि आप पुरी में भगवान के रथ के सामने खड़े हैं। आंखें बंद करें, भगवान के रथ को खींचते हुए कल्पना करें और ॐ श्री जगन्नाथाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति मिलेगी और भक्ति का अनुभव भी होगा।
भगवान को अर्पित करें सात्विक भोग
इसके बाद सात्विक भोग बनाकर भगवान को अर्पित करें। रथ यात्रा के दिन बिना प्याज-लहसुन वाले सादा भोजन को बहुत शुभ माना जाता है। आप खिचड़ी, फल, गुड़, दूध या कोई भी मिठाई बना सकते हैं। भोजन पूरी तरह शुद्ध हो और इसमें तुलसी का पत्ता अवश्य हो, क्योंकि भगवान जगन्नाथ को तुलसी अत्यंत प्रिय है। इस भोग को भगवान को अर्पित करें और फिर पूरे परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
जरूरतमंद को भोजन कराना सबसे बड़ा धर्म
तीसरा कार्य है सेवा और दान। अगर आप यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो किसी ज़रूरतमंद को खाना खिलाएं, कपड़े या अनाज का दान करें, गायों को चारा दें या मंदिर में दीपक जलाएं। बच्चों को रथ यात्रा की कथाएं सुनाएं। इन छोटे-छोटे कार्यों से घर का वातावरण पवित्र होता है और भगवान की कृपा जीवन में बनी रहती है।