क्या भगवान का टैटू बनवाना पाप है?
जानिए संत प्रेमानंद जी महाराज की चेतावनी
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Tattoo Of God: आज-कल के दौर में टैटू बनवाना एक आम चलन बन चुका है। युवा वर्ग से लेकर हर उम्र के लोग अपने शरीर पर अलग-अलग डिज़ाइन के टैटू बनवाते हैं। इनमें से कई लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं और अपने शरीर पर अपने इष्ट देवता या उनके प्रतीक चिन्हों जैसे त्रिशूल, ओम, शिवलिंग या देवी-देवताओं के नाम के टैटू बनवा लेते हैं। उनका मानना होता है कि इससे ईश्वर के प्रति भक्ति और श्रद्धा दिखाई जाती है। लेकिन क्या यह तरीका वास्तव में सही है? इस पर वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज ने एक शिव भक्त को खास सलाह दी है, जो अब सोशल मीडिया और धार्मिक मंचों पर चर्चा का विषय बन चुकी है।
संत प्रेमानंद ने शिवभक्त को टैटू पर लगाई फटकार
प्रेमानंद जी के पास हाल ही में एक शिवभक्त मिलने आया, जिसके शरीर पर दो टैटू बने थे। एक हाथ पर त्रिशूल और दूसरे पर 'महादेव' लिखा हुआ था। जैसे ही संत की नजर इन टैटू पर पड़ी, उन्होंने युवक को तुरंत टोका और समझाया कि भगवान या उनके चिन्हों का शरीर पर टैटू बनवाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बाएं हाथ पर त्रिशूल या भगवान के नाम का टैटू बनवाना गलत है क्योंकि यह हाथ कई बार अशुद्ध कार्यों जैसे शौच या स्नान में उपयोग होता है। ऐसे में नहाने या सफाई के समय शरीर पर गिरने वाला पानी पहले टैटू पर गिरता है और फिर पैरों तक पहुंचता है। यह प्रक्रिया ईश्वर का अपमान मानी जाती है, जिससे पाप लगने की आशंका होती है।
भगवान के टैटू की जगह सुंदर बनवाएं चित्र
संत प्रेमानंद जी ने युवक को सलाह दी कि वह त्रिशूल वाले टैटू की जगह किसी सुंदर फूल का चित्र बनवा ले और महादेव के टैटू की जगह कोई और चित्र बनवा ले। उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष की माला को लोग शौच और स्नान के समय उतार देते हैं, लेकिन टैटू को हटाना संभव नहीं होता, इसीलिए यह गंभीर विषय है।
अशुद्ध अंगों पर न बनवाएं धार्मिक चिन्ह
संत ने यह भी बताया कि सिर्फ टैटू ही नहीं, मेहंदी के डिज़ाइन बनवाते समय भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी धार्मिक प्रतीक चिन्ह शरीर के ऐसे हिस्सों पर न हों, जो अशुद्ध हो सकते हैं। श्रद्धा का सही तरीका वही है, जिसमें सम्मान और मर्यादा दोनों बनी रहे।