हनुमान अष्टमी: मध्य प्रदेश में विशेष आराधना,
व्रत-पूजन और उपायों का महत्व
3 days ago
Written By: Aniket Prajapati
हनुमान अष्टमी का पावन पर्व खासतौर पर मध्य प्रदेश में बड़े भक्तिभाव से मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार हनुमान अष्टमी पर किया गया व्रत मनोकामनाएँ पूरी करता है और पितृ तथा ग्रह दोषों से राहत दिलाता है। मंदिरों में विशेष आरती-पूजन होते हैं और भक्त सिंदूर-अभिषेक, सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इस पर्व पर भगवान को चोला चढ़ाया जाता है और भोग में लड्डू अर्पित किया जाता है।
व्रत के लाभ — क्यों रखें हनुमान अष्टमी का व्रत
हनुमान अष्टमी के व्रत से बजरंगबली और भगवान राम की विशेष कृपा मिलती है। कहा जाता है कि यह व्रत कुंडली में मौजूद शनि या पितृ दोष जैसे प्रभावों को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी होने की बात भी लोकमान्य है। इसलिए कई लोग इस दिन विशेष श्रद्धा से उपवास रखते हैं और मंदिर में तर्पण व अराधना करते हैं।
पूजा-विधि और क्या करें
इस दिन सुबह मंदिर जाकर हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें और हनुमान चालीसा का नियमित पाठ भी शुभ फलदाई रहता है। कई श्रद्धालु हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं और भगवा ध्वज का प्रतिष्ठापन करते हैं। दिन भर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रोदय के समय भोजन कर व्रत पूरा किया जाता है।
विशेष उपाय — क्या क्या करें ताकि फल जल्दी मिले
विशेष उपायों में हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना सबसे महत्वपूर्ण है। साथ ही तिल या चमेली के तेल का दीया जलाना शुभ माना जाता है। भक्तों को कम से कम सात बार हनुमान चालीसा पढ़ने का नियम बतलाया गया है। मंदिर जाकर सामर्थ्य अनुसार भगवा ध्वज चढ़ाने से बड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। मंत्र जाप के लिए “ऊं हं हनुमते नम:” (Om Han Hanumate Namah) का जाप लाभदायक माना जाता है। भोग में लड्डू अर्पित करें और शाम में साधारण भोजन कर व्रत समाप्त करें। हनुमान अष्टमी सरल उपायों और गहरी श्रद्धा का दिन है। नियमपूर्वक किया गया व्रत और पूजा भक्त के जीवन में मजबूती, सुरक्षा और मन की शांति लाती है।