गणपति स्थापना के बाद भूलकर भी न करें ये गलती,
बप्पा हो सकते है रुष्ठ
1 months ago
Written By: ANJALI
गणेश उत्सव 2025 की शुरुआत इस साल 27 अगस्त, बुधवार से हो चुकी है। आज से घर-घर बप्पा की स्थापना का शुभारंभ होगा और पूरे 10 दिन तक भक्ति, श्रद्धा और उल्लास का यह पर्व मनाया जाएगा। अनंत चतुर्दशी के दिन, यानी 6 सितंबर को, भक्त प्रेमपूर्वक गणपति बप्पा का विसर्जन करेंगे। हालांकि कई लोग अपनी परंपराओं और सुविधा के अनुसार डेढ़, तीन, पांच या सात दिनों में भी विसर्जन करते हैं।
गणपति का घर आना केवल उत्सव ही नहीं, बल्कि पूरे वातावरण को आध्यात्मिकता और सकारात्मकता से भर देता है। इस दौरान हर भक्त यह चाहता है कि उनके घर बप्पा का वास सुख-समृद्धि और शांति लेकर आए। इसके लिए ज़रूरी है कि कुछ नियमों का पालन किया जाए और कुछ कार्यों से बचा जाए।
गणपति स्थापना से विसर्जन तक इन बातों का रखें ध्यान
1. घर का वातावरण शांतिपूर्ण बनाएं
गणपति की स्थापना के बाद घर में सद्भाव बनाए रखें। इस दौरान गुस्सा, झगड़ा या किसी भी तरह का विवाद करने से बचें। ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा कम होती है और इसका असर परिवार की शांति पर पड़ सकता है।
2. सात्विक आहार का पालन करें
गणेश उत्सव के दिनों में सात्विकता बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय मांसाहार, लहसुन-प्याज और किसी भी तरह के नशीले पदार्थों (शराब, सिगरेट आदि) से दूर रहें।
3. सफाई और शुद्धता का ध्यान रखें
पूरे घर, खासकर पूजास्थल को साफ-सुथरा रखें। गणपति की मूर्ति के आसपास गंदगी बिल्कुल भी न होने दें। प्रतिदिन ताजे फूल और मालाएं अर्पित करें तथा वातावरण को सुगंधित रखें।
4. शरीर की शुद्धता बनाए रखें
मान्यता है कि गणपति स्थापना से विसर्जन तक बाल-दाढ़ी, नाखून काटना और घर के भीतर जूते-चप्पल पहनकर आना उचित नहीं माना जाता। इसे बप्पा का अपमान समझा जाता है।
गणपति उत्सव का असली संदेश
गणेश चतुर्थी केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर अनुशासन, सात्विकता और सकारात्मकता लाने का अवसर है। जब तक बप्पा हमारे घर विराजमान रहते हैं, तब तक हमें अपने व्यवहार और कर्मों में भी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। इस गणेश उत्सव 2025 पर बप्पा का स्वागत पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ करें और इन नियमों का पालन कर अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करें।