शुक्रवार के दिन कर लें ये उपाय,
जमकर बरसेगा पैसा, होगी सारी बाधाएं दूर
23 days ago
Written By: ANJALI
हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी और शुक्र देव को समर्पित माना गया है। यह दिन न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि तंत्र और ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से भी खास माना जाता है। कहा जाता है कि अगर शुक्रवार की रात कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो इससे मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और जीवन में धन, वैभव, सुख-संपत्ति की कभी कमी नहीं होती। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ गुप्त ज्योतिषीय उपाय जो शुक्रवार की रात को करने चाहिए—
1. अष्ट लक्ष्मी की पूजा और कनकधारा स्तोत्र का पाठ
शुक्रवार की मध्यरात्रि को अष्ट लक्ष्मी के पूजन से धन और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। इस समय गुलाब के फूल अर्पित करें और केसर युक्त खीर का भोग लगाएं। पूजा के बाद कनकधारा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। ध्यान रखें कि यह पूजा एकांत और शांत वातावरण में हो, जिससे इसकी पूर्ण फलप्राप्ति हो सके।
2. गुलाबी वस्त्र धारण कर करें विशेष मंत्र जाप
शुक्रवार की रात गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें और माता लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने बैठकर “ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नम: स्वाहा” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। इससे माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और धन संबंधी परेशानियां समाप्त होती हैं।
3. नमक और लौंग का गुप्त उपाय
शुक्रवार को सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। एक घी का दीपक जलाएं और प्लास्टिक के डिब्बे में आधा नमक भरें। इस डिब्बे को लाल कपड़े पर रखें और माता लक्ष्मी के बीज मंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः” का 1001 बार जाप करें। डिब्बे में एक साबुत लौंग डालें और डिब्बे को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी या अलमारी में रखें। ऐसा लगातार 10 शुक्रवार करें। हर शुक्रवार एक लौंग और डालते जाएं। यह उपाय विशेष रूप से लक्ष्मी प्राप्ति में सहायक होता है।
4. शुक्र की स्थिति सुधारने के लिए शिव पूजन
शुक्रवार की शाम शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं और चीनी का दान करें। साथ ही किसी कन्या को सफेद मिठाई खिलाएं। यह उपाय कुंडली में शुक्र ग्रह को बलवान बनाता है जिससे भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।
5. धन और ऐश्वर्य के लिए अष्टमी लक्ष्मी पूजन
शुक्रवार को अष्टमी लक्ष्मी की प्रतिमा को गुलाबी वस्त्र पर विराजमान करें और पास में श्रीयंत्र रखें। 8 घी के दीपक जलाएं और गुलाब की सुगंध वाली धूपबत्ती जलाकर सफेद मिठाई का भोग लगाएं। अष्टगंध से श्रीयंत्र व लक्ष्मी माता को तिलक करें। फिर कमल गट्टे की माला से ऊपर बताए गए अष्टलक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करें। बाद में दीपकों को घर की आठों दिशाओं में रखें और माला को तिजोरी में रख दें।