शादीशुदा महिलाएं भूलकर भी न करें ये गलती,
सुहाग पर पड़ सकता है भारी
1 months ago
Written By: ANJALI
भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र बंधन माना जाता है, और शादीशुदा महिलाओं से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं सदियों से चली आ रही हैं। इन परंपराओं का पालन करना न केवल सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि पारिवारिक सुख-समृद्धि और सौभाग्य से भी जोड़ा जाता है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ खास मान्यताओं के बारे में जो शादीशुदा महिलाओं से जुड़ी हैं।
1. कोरे हाथ नहीं आना-जाना
पौराणिक मान्यता है कि शादीशुदा महिलाओं को ससुराल से मायके या मायके से ससुराल कोरे हाथ नहीं जाना चाहिए। उनके हाथों में मेहंदी लगी होनी चाहिए और साथ में कुछ न कुछ लेकर जाना शुभ माना जाता है। यह प्रेम और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
2. लोटे में पानी लेकर आटा गूंथना
शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को लोटे में पानी लेकर आटा नहीं गूंथना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और यह घरेलू कलह या मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। बेहतर होता है कि इसके लिए थाली या परंपरागत बर्तन का उपयोग किया जाए।
3. 1:45 बजे यात्रा से परहेज
मान्यता के अनुसार, शादीशुदा महिलाओं को ससुराल या मायके की यात्रा के लिए दोपहर 1:45 बजे का समय टालना चाहिए। इसे ग्रहों की स्थिति के अनुसार अशुभ समय माना जाता है, जो यात्रा में बाधा या समस्याएं ला सकता है।
4. बिना गोटे की ओढ़नी न पहनें
शादीशुदा महिलाओं को बिना गोटे (सजावट) की ओढ़नी पहनने से परहेज करना चाहिए। गोटेदार ओढ़नी समृद्धि, वैवाहिक सुख और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
5. चप्पल या जूते का टूटना
यदि किसी महिला की शादी के एक वर्ष के भीतर उसकी शादी में पहनी गई चप्पल या जूती टूट जाए, तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। यह जीवन में नए अध्याय के शुभारंभ और समृद्धि का संकेत हो सकता है।
6. मांग टीका और नथ को न तोड़ें
शादीशुदा महिलाओं को अपने मांग टीका या नथ को तोड़कर नया नहीं बनवाना चाहिए। इन्हें सुहाग का प्रतीक माना जाता है और इन्हें तोड़ना वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है।