सुहागिन महिलाएं रोजाना पहनें बदल-बदलकर चूड़ियां,
मिलेगा ये फायदा
16 days ago
Written By: ANJALI
हिंदू संस्कृति में चूड़ियां केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि सुहागन स्त्री के सौभाग्य और वैवाहिक सुख का प्रतीक मानी जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, चूड़ियों के रंगों का विशेष महत्व होता है और प्रत्येक रंग अलग-अलग फल देता है। आइए जानते हैं किस स्थिति में कौन सा रंग पहनना चाहिए:
1. हरी चूड़ियां: संतान सुख के लिए
मान्यता: गर्भवती महिलाओं को हरी चूड़ियां पहननी चाहिए। यह रंग शिशु के स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक है।
वैज्ञानिक आधार: हरा रंग आँखों को सुकून देता है और तनाव कम करता है, जो गर्भावस्था में फायदेमंद है।
2. लाल चूड़ियां: वैवाहिक प्रेम बढ़ाएं
मान्यता: नवविवाहिताओं के लिए लाल चूड़ियां शुभ मानी जाती हैं। यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाती हैं।
विशेष उपाय: मंगलवार को लाल चूड़ियां पहनकर हनुमान जी के मंदिर जाएं।
3. पीली चूड़ियां: विद्या प्राप्ति के लिए
मान्यता: जब बच्चे पढ़ाई या परीक्षा के लिए जाएं, तो माँ को पीली चूड़ियां पहननी चाहिए। यह रंग सफलता और बुद्धि का प्रतीक है।
टिप: बच्चों के कमरे में पीले फूल रखें और माँ पीले वस्त्र भी धारण करें।
4. नेवी ब्लू चूड़ियां: पारिवारिक कलह शांत करें
मान्यता: पति-पत्नी में अनबन हो तो नेवी ब्लू रंग की चूड़ियां पहनें। यह रंग शांति और सद्भाव लाता है।
विशेष: शनिवार को नेवी ब्लू चूड़ियां पहनकर शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं।
5. सफेद चूड़ियां: मानसिक शांति के लिए
मान्यता: अगर मन अशांत हो या नींद न आती हो, तो सफेद चूड़ियां पहनें। यह रंग शुद्धता और शांति का प्रतीक है।
साथ में करें: रोज सुबह तुलसी के पास दीपक जलाएं।