क्यों की जाती है बाबा बर्फानी की पूजा?
क्या है इसके पीछे की कहानी
24 days ago
Written By: ANJALI
अमरनाथ यात्रा एक आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व की यात्रा है, जिसमें भगवान शिव के बर्फानी शिवलिंग की पूजा की जाती है. यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ मंदिर में होती है, जो 12,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस मंदिर में एक प्राकृतिक बर्फ का शिवलिंग बनता है, जो चंद्रमा की कलाओं के अनुसार बढ़ता और घटता है.
अमरनाथ यात्रा का महत्व
अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जो भगवान शिव की भक्ति और आध्यात्मिक अनुभव के लिए प्रसिद्ध है. इस यात्रा में भाग लेने वाले भक्तों को भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
अमरनाथ की अमरकथा
अमरनाथ की अमरकथा भगवान शिव और पार्वती से जुड़ी एक पवित्र कथा है. इस कथा के अनुसार, भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती को अमरनाथ की गुफा में अमरत्व का रहस्य बताया था. इस गुफा में भगवान शिव ने पार्वती को जीवन और मृत्यु के रहस्य के बारे में बताया, जिसे सुनकर पार्वती अमर हो गईं. इस दौरान, भगवान शिव ने एक बर्फानी शिवलिंग के रूप में प्रकट होकर पार्वती को अपनी शक्ति और महिमा का अनुभव कराया. इस कथा के कारण अमरनाथ गुफा को पवित्र माना जाता है और लाखों श्रद्धालु यहां भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं. यह बर्फानी शिवलिंग हर साल बनता है.
भगवान गणेश को जिम्मेदारी
अमरनाथ यात्रा के दौरान भगवान शिव ने कई जगहों पर अपने कई वस्तुओं का त्याग किया था. बताया जाताहै कि भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में जाने से पहले अपने पुत्र गणेश को महागुण पर्वत पर विराजमान किया और उन्हें गुफा के अंदर किसी को न आने देने की जिम्मेदारी दी.
यात्रा के दौरान भगवान शिव का त्याग
नंदी का त्याग
भगवान शिव ने नंदी का त्याग किया, जिसे अब पहलगाम के नाम से जाना जाता है.
चंद्रमा का त्याग
इसके बाद भगवान शिव ने अपनी जटाओं से चंद्रमा को अलग किया, जिसे अब चंदनवाड़ी कहा जाता है.
सांप का त्याग
भगवान शिव ने अपने सांप को भी अलग किया, जिसे अब शेषनाग के नाम से जाना जाता है.
गंगा का त्याग
अंत में भगवान शिव ने अपनी जटाओं से गंगा को अलग किया, जिसे अब पंचतरणी के नाम से जाना जाता है.
इन सभी जगहों से गुजरने के बाद भगवान शिव अमरनाथ गुफा में पहुंचे, जहां उन्होंने पार्वती को अमर कथा सुनाई. यह कथा अमरनाथ यात्रा के महत्व और आध्यात्मिक अनुभव को दर्शाती है.