रविवार को सूर्य देव के इस मंत्र का करें जाप,
बन जायेंगे बिगड़े काम
1 months ago
Written By: ANJALI
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव को प्रतिदिन अर्घ्य देना एक ऐसा पुण्य कार्य है जो ना केवल जीवन में सफलता लाता है, बल्कि मान-सम्मान और आत्मविश्वास में भी वृद्धि करता है। विशेष रूप से रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा और "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सौभाग्य प्राप्त होता है।
सूर्य अर्घ्य का महत्व:
भारतीय ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में सूर्य की स्थिति व्यक्ति की प्रतिष्ठा, आत्मबल और प्रशासनिक क्षमता को दर्शाती है। अगर सूर्य कमजोर हो तो व्यक्ति को अपयश, आत्मग्लानि और स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं। ऐसे में रोज़ सुबह सूर्य को जल चढ़ाना और रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
आदित्य हृदय स्तोत्र: विजय प्राप्ति का दिव्य मंत्र
"आदित्य हृदय स्तोत्र" वह दिव्य स्तुति है जिसे स्वयं भगवान अगस्त्य ने युद्धभूमि में श्रीराम को सुनाया था, जब वे रावण से युद्ध करने के पहले थक चुके थे। यह स्तोत्र न केवल विजय दिलाने वाला है, बल्कि शत्रु नाशक, मन की शांति और आत्मबल में वृद्धि करने वाला माना गया है।
स्त्रोत का प्रारंभिक विनियोग कुछ इस प्रकार है:
"ओम अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य अगस्त्यऋषिः... सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः।"
इसके पश्चात स्तोत्र में सूर्य देव के रूप, शक्ति, प्रकाश और उनके द्वारा ब्रह्मांड के संचालन का विस्तृत वर्णन है। यह कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस स्तोत्र का श्रद्धा से नित्य पाठ करता है, उसके जीवन की सारी बाधाएं स्वतः दूर हो जाती हैं।
क्या लाभ होता है आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से?
मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति
आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
शत्रुओं पर विजय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश
स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु
नौकरी, परीक्षा या युद्ध जैसी स्थितियों में सफलता
कैसे करें पाठ?
रविवार या प्रतिदिन सूर्योदय के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य को जल चढ़ाएं।
इसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का श्रद्धा से पाठ करें।
अंत में प्रार्थना करें कि सूर्य देव आपको शक्ति, प्रकाश और विजय प्रदान करें।