पितरों को करना है प्रसन्न,
तो आषाढ़ अमावस्या के दिन करें ये आसान उपाय
1 months ago
Written By: ANJALI
25 जून को आषाढ़ माह की अमावस्या है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन स्नान, दान, पूजन और पितृ तर्पण जैसे कार्यों से आत्मिक शुद्धि के साथ-साथ पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानें इस अमावस्या पर किन विशेष उपायों से मिलेगा लाभ।
पवित्र जल से स्नान एवं पीपल पूजन
सुबह सूर्योदय से पहले गंगाजल युक्त जल से स्नान करें।
पीपल के वृक्ष की पूजा करें, सात परिक्रमा लगाएं और काले तिल के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितृ दोष शांत होते हैं।
पितृ तर्पण एवं दान
पितरों को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, जल, दूध या खीर का तर्पण करें।
ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराकर दक्षिणा दें। अन्न, वस्त्र या फल दान करने से पितृ आशीर्वाद देते हैं।
शिव मंत्रों का जप
अमावस्या पर भगवान शिव के इन मंत्रों का 108 बार जप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं:
ॐ नमः शिवाय
महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
शिव गायत्री मंत्र:ॐ महादेवाय विद्महे
पितृ चालीसा का पाठ
पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन पितृ चालीसा या गरुड़ पुराण के श्लोकों का पाठ करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
अन्नदान का विशेष महत्व
इस दिन गरीबों को अनाज, नमक, तेल या मिठाई दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। काले कपड़े में काले तिल लपेटकर दान करने से शनि दोष भी कम होता है।
ध्यान रखें: अमावस्या पर किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले पितरों को जल अर्पित करें और संध्या समय दीपदान जरूर करें।
इन सरल उपायों से आषाढ़ अमावस्या के पुण्य अवसर का लाभ उठाएं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति करें।