खंडवा में है अनोखा शिवलिंग, जो हर साल बढ़ता है तिल-तिल…
16 पीढ़ियों से देख रहे चमत्कार, विज्ञान भी रह गया हैरान
4 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
MP News: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में एक ऐसा मंदिर है, जिसे देखकर विज्ञान भी चुप हो जाता है और आस्था बोलने लगती है। यहां भगवान शिव का एक शिवलिंग है, जो हर साल खुद-ब-खुद थोड़ा-थोड़ा बढ़ता है। यह चमत्कारी शिवलिंग श्री तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में है, जो खंडवा के रामगंज बुधवारा इलाके में स्थित है। मान्यता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है यानी धरती से खुद प्रकट हुआ है। मंदिर के पुजारी और यहां की 16वीं पीढ़ी के संतों का दावा है कि शिवलिंग हर साल मकर संक्रांति के दिन तिल के एक दाने जितना ऊंचा हो जाता है।
शिवलिंग जो हर साल तिल-तिल बढ़ता है
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस शिवलिंग की खास बात यही है कि यह हर साल थोड़ा-थोड़ा बड़ा होता है। यह बदलाव बेहद सूक्ष्म होता है लेकिन पुजारी परिवार के लोग इसे पीढ़ियों से अपनी आंखों से देख रहे हैं। इस कारण भगवान शिव को यहां तिलभांडेश्वर कहा जाता है।
धरती के नीचे स्थित है यह अद्भुत मंदिर
ऊपर से देखने पर यह मंदिर साधारण लगता है, लेकिन असल चमत्कार अंदर है। मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सीढ़ियों से नीचे उतरना पड़ता है। नीचे जाकर लगता है जैसे भोलेनाथ की गुफा में पहुंच गए हों। यहां का वातावरण शांत और भक्तिभाव से भरा हुआ होता है।
शिवलिंग पर कभी नहीं सूखता जल
एक और रहस्य इस मंदिर से जुड़ा है कि शिवलिंग की जलाधारी में 24 घंटे जल रहता है। गर्मी के दिनों में जब आसपास के जलकुंड सूख जाते हैं, तब भी यहां पानी बना रहता है। इस जल का स्रोत किसी को पता नहीं, न ही यहां कोई पाइपलाइन है और न ही पानी की टंकी। भक्त इसे भोलेनाथ की कृपा मानते हैं। सावन के महीने में यहां विशेष जलाभिषेक होता है, जिसमें नर्मदा और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इस दौरान हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं और भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं।
विज्ञान के पास भी नहीं है जवाब
इस मंदिर की बात करें तो यहां हर बात श्रद्धा से जुड़ी हुई है। वैज्ञानिक अब तक यह नहीं समझ पाए हैं कि शिवलिंग खुद-ब-खुद कैसे बढ़ता है या पानी हमेशा कैसे बना रहता है। लेकिन जो लोग यहां आते हैं, उनके लिए यह आस्था का प्रश्न है, जो किसी वैज्ञानिक उत्तर से कहीं ज्यादा मजबूत है।