जब धूम्रपान है निषेध तो फ्लाइट में क्यों होता है ऐशट्रे,
जानिए इसके पीछे का पूरा सच
1 months ago
Written By: ANJALI
क्या आपने कभी गौर किया है कि हवाई जहाज के टॉयलेट में ऐशट्रे लगे होते हैं, जबकि विमान में धूम्रपान करना सख्त मना है? यह सवाल अक्सर यात्रियों के मन में उठता है। आइए जानते हैं इसका वास्तविक और हैरान कर देने वाला कारण।
धूम्रपान पर सख्त पाबंदी
1980 के दशक से अधिकांश एयरलाइंस ने विमानों के अंदर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया था। आज दुनिया भर में यह नियम सख्ती से लागू है, और इसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना या जेल की सजा भी हो सकती है। यह प्रतिबंध यात्रियों और विमान की सुरक्षा के लिए है, क्योंकि हवाई जहाज में आग लगने का खतरा बेहद गंभीर होता है।
फिर भी टॉयलेट में ऐशट्रे क्यों?
अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा नियमों के अनुसार, हर व्यावसायिक विमान के टॉयलेट में ऐशट्रे होना अनिवार्य है, भले ही उस विमान में धूम्रपान की अनुमति न हो। इसका मुख्य कारण यह है:
सुरक्षा उपाय: नियम बनाने वाले मानते हैं कि कुछ यात्री गुपचुप तरीके से धूम्रपान कर सकते हैं। अगर उन्हें सिगरेट बुझाने के लिए ऐशट्रे नहीं मिलेगा, तो वे इसे कचरे के डिब्बे में फेंक सकते हैं, जहाँ टिशू पेपर और अन्य ज्वलनशील सामग्री होती है। इससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
आपातकालीन स्थिति से बचाव: ऐशट्रे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर कोई यात्री धूम्रपान करे भी, तो वह उसे सुरक्षित तरीके से बुझा सके, न कि कहीं भी फेंक दे।
क्या यह धूम्रपान की अनुमति देता है?
बिल्कुल नहीं! ऐशट्रे का मतलब यह नहीं है कि विमान में धूम्रपान की छूट है। यह केवल एक सुरक्षा व्यवस्था है, ताकि गलत हाथों में सिगरेट से होने वाले खतरे को कम किया जा सके।
अगली बार ध्यान दें
अगली बार जब आप विमान के टॉयलेट में ऐशट्रे देखें, तो समझ जाइए कि यह किसी "छूट" के लिए नहीं, बल्कि यात्रियों और विमान की सुरक्षा के लिए लगाया गया एक जरूरी उपकरण है।
विमान में धूम्रपान करना गैरकानूनी है और इससे भारी जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है। सुरक्षा नियमों का पालन करें और सुरक्षित यात्रा करें!