क्या है कार्डियक अरेस्ट, जिससे शेफाली जरीवाला का हुआ निधन,
कैसे पहचाने इसके लक्षण
1 months ago
Written By: ANJALI
हाल ही में एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के अचानक कार्डियक अरेस्ट से निधन की खबर ने सभी को चौंका दिया। यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी युवा को अचानक दिल से जुड़ी इस गंभीर समस्या ने अपना शिकार बनाया हो। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले अब एक बड़ी चिंता का विषय बन चुके हैं। ऐसे में सडन कार्डियक अरेस्ट (Sudden Cardiac Arrest – SCA) को समझना और इसके लक्षणों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
सडन कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?
सडन कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है। ये स्थिति जानलेवा होती है क्योंकि इसमें दिल शरीर में खून पंप करना बंद कर देता है। अगर तुरंत इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत कुछ ही मिनटों में हो सकती है। यह स्थिति हार्ट अटैक से अलग है। जहां हार्ट अटैक में ब्लड सप्लाई बाधित होती है, वहीं SCA में दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी गड़बड़ा जाती है, जिससे हार्ट रिदम असामान्य हो जाती है।
सडन कार्डियक अरेस्ट के चेतावनी संकेत
अचानक बेहोश होना: बिना किसी पूर्व लक्षण के व्यक्ति अचानक गिर पड़ता है और होश खो बैठता है।
सांस रुकना या अनियमित होना: व्यक्ति की सांस धीमी, अनियमित या पूरी तरह बंद हो सकती है।
नब्ज गायब होना: कलाई या गर्दन पर नब्ज महसूस नहीं होती।
सीने में दर्द: कुछ मामलों में इससे पहले सीने में दबाव, जकड़न या दर्द होता है।
सांस फूलना: व्यक्ति को अचानक घुटन या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है।
चक्कर आना या थकान: अचानक कमजोरी, सिर घूमना या चक्कर आना भी संकेत हो सकता है।
तेज या अनियमित धड़कन: दिल की धड़कन असामान्य रूप से तेज या रुक-रुक कर हो सकती है।
क्यों होता है सडन कार्डियक अरेस्ट?
SCA का मुख्य कारण दिल की रिदम में गड़बड़ी (Arrhythmia) होती है, खासकर वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (ब्लॉकेज)
पहले हो चुका हार्ट अटैक
दिल की मांसपेशियों में कमजोरी या बीमारी
जन्मजात हार्ट डिजीज
ड्रग या अत्यधिक शराब का सेवन
इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम) का असंतुलन
इमरजेंसी में क्या करें?
सडन कार्डियक अरेस्ट में हर सेकंड कीमती होता है। ऐसे में ये जरूरी कदम उठाएं:
CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) तुरंत शुरू करें – छाती पर जोर से और तेज़ी से दबाव डालें।
एमरजेंसी नंबर पर कॉल करें – बिना समय गंवाए एम्बुलेंस बुलाएं।
AED (Automated External Defibrillator) यदि उपलब्ध हो, तो उसका उपयोग करें।
बचाव के उपाय
नियमित हार्ट चेकअप करवाएं, खासकर यदि फैमिली हिस्ट्री हो।
हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज को अपनाएं।
स्मोकिंग, ड्रग्स और अत्यधिक शराब से बचें।
हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को कंट्रोल में रखें।
स्ट्रेस को मैनेज करें – मेडिटेशन और योग फायदेमंद हो सकते हैं।