एक्सपायर्ड दवाओं का क्या करें इसके लेकर है कंफ्यूजन,
तो यहां है सुझाव
15 days ago
Written By: ANJALI
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी अलमारी में पड़ी पुरानी दवाएं कब की एक्सपायर हो चुकी हैं? सिर दर्द, बुखार या किसी बीमारी के लिए ली गई दवाएं अक्सर घर में बची रह जाती हैं, और हम सोचते हैं कि ज़रूरत पड़ने पर काम आएंगी। लेकिन सच यह है कि समय बीतने के साथ ये दवाएं ज़हर में बदल सकती हैं।
एक्सपायर्ड दवाएं: अनदेखा खतरा
अक्सर लोग बिना एक्सपायरी डेट चेक किए दवाएं ले लेते हैं या उन्हें सीधा कूड़ेदान में फेंक देते हैं। डॉक्टरों की मानें तो यह आदत न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती है। दवा में मौजूद केमिकल्स अगर ज़मीन या पानी में मिल जाएं, तो जीव-जंतुओं के जीवन चक्र को भी बिगाड़ सकते हैं।
क्या करें एक्सपायर्ड दवाओं का?
1. फ्लश या सिंक में न बहाएं
कई लोग दवाओं को फ्लश करके बहा देते हैं, लेकिन यह तरीका जल स्रोतों को जहरीला बना सकता है। इससे मछलियों, पौधों और अन्य जलजीवों को नुकसान हो सकता है।
2. मेडिकल स्टोर या हॉस्पिटल में लौटाएं
बड़े शहरों में कई मेडिकल स्टोर्स और हॉस्पिटल्स “ड्रग टैक-बैक” प्रोग्राम चलाते हैं, जहां एक्सपायर्ड दवाओं को इकट्ठा कर सही तरीके से नष्ट किया जाता है। ऐसे किसी नज़दीकी सेंटर की जानकारी लें और दवाएं वहां जमा करें।
3. घर पर करें सुरक्षित डिस्पोजल
अगर डिस्पोजल सेंटर न हो, तो दवाओं को मिट्टी, चाय की पत्ती या कॉफी पाउडर में मिलाकर पुराने किसी बंद पैकेट में डालें। उसे अच्छी तरह से सील करें और फिर डस्टबिन में फेंकें। इससे कोई जानवर या इंसान गलती से उस दवा तक नहीं पहुंच पाएगा।
4. पैकेजिंग से जानकारी मिटा दें
दवा की स्ट्रिप या डिब्बे से ब्रांड नेम, डॉक्टर का नाम और एक्सपायरी डेट को पेन या ब्लेड से स्क्रैच कर दें ताकि कोई इसका दुरुपयोग न कर सके।
एक्सपायरी डेट कैसे पहचानें?
हर दवा की पैकिंग पर MFD (निर्माण तिथि) और EXP (समाप्ति तिथि) दी होती है। कई लोग सोचते हैं कि बंद डिब्बे में दवा खराब नहीं होती, लेकिन यह धारणा गलत है। एक्सपायरी के बाद दवा की रासायनिक संरचना बदल सकती है और यह शरीर में गंभीर रिएक्शन या साइड इफेक्ट कर सकती है।
जागरूकता ही बचाव है
एक्सपायर्ड दवाएं केवल बेअसर नहीं होतीं, बल्कि खतरनाक भी हो सकती हैं – खुद के लिए, परिवार के लिए और पर्यावरण के लिए भी। दवाओं की एक्सपायरी पर ध्यान देना और सही तरीके से उनका निपटारा करना हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है। थोड़ी सी सतर्कता और जागरूकता आपको अनजाने जोखिमों से बचा सकती है।