कोरोना के बाद केरल में हेपेटाइटिस का कहर, त्रिशूर बना नया हॉटस्पॉट,
जानिए लक्षण, बचाव और इलाज
1 months ago
Written By: NEWS DESK
कोरोना के बाद केरल में हेपेटाइटिस के मामलों में अचानक तेजी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य का त्रिशूर जिला संक्रमण का नया केंद्र बन गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि स्वास्थ्य विभाग को आपातकालीन चेतावनी जारी करनी पड़ी।
अप्रैल 2025 तक राज्य में 3,227 मामले और 16 मौतें
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल के अंत तक राज्य में हेपेटाइटिस के 3,227 मामले सामने आ चुके हैं और 16 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में एर्नाकुलम, मलप्पुरम और कोझिकोड शामिल थे, लेकिन अब त्रिशूर जिले में संक्रमण सबसे तेजी से फैल रहा है। वहीं पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में केरल में हेपेटाइटिस-A के 7,943 केस दर्ज हुए थे और 81 लोगों की मौत हुई थी।
हेपेटाइटिस: टीबी के बाद मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हेपेटाइटिस दुनिया में ट्यूबरकुलोसिस के बाद सबसे ज्यादा जान लेने वाला संक्रमण है। हर साल लगभग 13 लाख लोग इससे जान गंवाते हैं — यानी रोज़ाना करीब 3,500 मौतें।
क्या है हेपेटाइटिस?
डॉ. मोनिका जैन (डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली) ने पत्रकारों को बताया हैं कि, हेपेटाइटिस लिवर में सूजन यानी इंफ्लेमेशन की स्थिति है, जो वायरस, टॉक्सिन्स या ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण हो सकती है। यह लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली गंभीर स्थिति है।
हेपेटाइटिस के दो प्रकार होते हैं:
- एक्यूट हेपेटाइटिस: यह अल्पकालिक होता है और छह महीने के भीतर ठीक हो सकता है।
- क्रॉनिक हेपेटाइटिस: यह दीर्घकालिक होता है और लंबे समय तक लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
हेपेटाइटिस को पांच तरह में बांटा गया है:
- हेपेटाइटिस A
- हेपेटाइटिस B
- हेपेटाइटिस C
- हेपेटाइटिस D
- हेपेटाइटिस E
हेपेटाइटिस के लक्षण क्या हैं?
शुरुआती तौर पर यह बीमारी बेहद सामान्य लक्षणों के साथ सामने आती है, जैसे:
- लगातार थकान
- पेट के दाहिनी ओर दर्द
- भूख न लगना
- दस्त
- हल्का बुखार
क्रॉनिक हेपेटाइटिस में लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जैसे:
- पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला पड़ना)
- वजन में गिरावट
- उल्टी
- मानसिक भ्रम की स्थिति
संक्रमण कैसे फैलता है?
- दूषित पानी और भोजन के सेवन से (हेपेटाइटिस A और E)
- संक्रमित खून, इंजेक्शन या यौन संबंध के जरिए (हेपेटाइटिस B, C और D)
बचाव और इलाज के उपाय
✅ साफ पानी और भोजन का सेवन करें
✅ हेपेटाइटिस A और B के टीके जरूर लगवाएं
✅ संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें
✅ रक्तदान करते या लेते समय विशेष सतर्कता रखें
✅ नियमित हाथ धोते रहें और हाइजीन का ध्यान रखें
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर आपको लगातार थकान, भूख न लगना, पेट दर्द या पीलिया जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।