Covid 19 के साथ बढ़ा हेपेटाइटिस का खतरा,
ये है बचाव के उपाय
1 days ago
Written By: ANJALI
भारत में पिछले करीब 20 दिनों से कोरोना की एक नई लहर देखी जा रही है। हर दिन के साथ संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। बीते 22 मई को जहां कुल एक्टिव मामले 257 थे, तो वहीं अब 9 जून (सोमवार) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड पर एक रिपोर्ट साझा की है जिसके अनुसार ये आंकड़े बढ़कर 6491 हो गए हैं। पिछले 24 घंटे में ही संक्रमण के 358 नए मामले सामने आए हैं, वहीं अबतक 624 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। देश में मुख्यरूप से ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स NB.1.8.1 को प्रमुख माना जा रहा है। इसके अलावा कई स्थानों पर XFG वैरिएंट के भी केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं। हालिया आंकड़ों के मुताबिक देश में नए उभरते कोविड-19 वैरिएंट XFG के अब तक 163 मामले पाए गए हैं।
थ्रिसूर जिले में हेपेटाइटिस के मामलों में अचानक इजाफा होने के बाद प्रशासन अलर्ट पर आ गया है. जिला चिकित्सा अधिकारी (DMO) ने साफ कहा है कि सिर्फ उबला हुआ और फिल्टर किया हुआ पानी ही पीएं. बासी खाना खाने से बचें। खासकर होटलों और ढाबों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं कोरोना वायरस के साथ ही हेपेटाइटिस भी धीरे धीरे देश में अपने पैर पसारने लगा है। केरल में हेपेटाइटिस A और E के मामले पाए गए है। जिसको लेकर चिंता जताई जा रही है। हेपेटाइटिस एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से लिवर (यकृत) को प्रभावित करती है। यह वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है, जो शरीर में प्रवेश करने के बाद अपने लक्षण दिखाने में 15 से 60 दिन तक का समय ले सकता है। यह बीमारी यदि समय पर पहचान और इलाज न हो, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण, बचाव के उपाय और यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में।
हेपेटाइटिस के प्रमुख लक्षण
Cleveland Clinic के अनुसार, हेपेटाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
बुखार और बदन दर्द
थकान और कमजोरी
सिर दर्द और मतली
आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
पेशाब का रंग गहरा हो जाना
दस्त (डायरिया)
यदि इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से दवाइयां लेने से बचें, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय
हेपेटाइटिस से बचने के लिए साफ-सफाई और खानपान की आदतों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। केवल उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। बाहर का खाना खाने से बचें। अगर मजबूरी में खाना पड़े तो यह सुनिश्चित करें कि खाना साफ-सफाई से बना हो। होटल या रेस्टोरेंट में खाने से पहले यह पूछ लें कि पीने के लिए दिया गया पानी उबला हुआ है या नहीं। हमेशा हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं और नाखून छोटे रखें। शरीर से निकलने वाले अपशिष्ट (जैसे मल-मूत्र) को सही स्थान पर ही फेंकें।
यात्रा के दौरान बरतें खास सावधानी
त्योहारों और यात्रा के मौसम में लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे समय में विशेष सतर्कता की जरूरत होती है। यात्रा के दौरान हमेशा साफ पानी और घर का बना खाना साथ रखें। यदि दस्त या उल्टी जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। स्व-उपचार (Self-medication) से बचें, क्योंकि यह स्थिति को बिगाड़ सकता है।