बुजुर्गों को जरुर कराने चाहिए ये चेकअप,
जानिए कौन कौन से है वो टेस्ट
1 months ago
Written By: ANJALI
उम्र बढ़ने के साथ शरीर की ताकत और रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) धीरे-धीरे कम होने लगती है। जो काम पहले आसानी से हो जाते थे, उन्हें करने में अब शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही वजह है कि डॉक्टर 50 साल की उम्र तक नियमित हेल्थ चेकअप कराने की सलाह देते हैं। कई लोग कहते हैं – “हम बिल्कुल ठीक हैं, फिर टेस्ट कराने की क्या जरूरत है?” लेकिन सच यह है कि कई बीमारियां बिना किसी संकेत के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती रहती हैं। ऐसे में समय रहते चेकअप न कराना गंभीर खतरे को जन्म दे सकता है। तो आइए जानते हैं 50 साल की उम्र के बाद कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट जरूर कराने चाहिए।
1. ब्लड प्रेशर टेस्ट
हाई ब्लड प्रेशर (High BP) को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि यह बिना लक्षण दिखाए शरीर को नुकसान पहुंचाता है। उम्र बढ़ने के साथ हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी डिजीज का खतरा भी बढ़ता है। इसलिए हर 2–3 महीने में ब्लड प्रेशर चेक कराना बेहद जरूरी है।
2. ब्लड शुगर टेस्ट
डायबिटीज आजकल युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी को प्रभावित कर रही है। अगर शुगर लेवल लंबे समय तक कंट्रोल न रहे तो आंखों, लिवर, हार्ट और नर्वस सिस्टम को नुकसान हो सकता है। 50 साल की उम्र के बाद ब्लड शुगर टेस्ट जरूर कराएं ताकि बीमारी को समय रहते रोका जा सके।
3. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
यह टेस्ट कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करता है। बढ़ता कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों का बड़ा कारण होता है। 50 साल के बाद साल में कम से कम एक बार यह टेस्ट कराना चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज में ही खतरे का पता लगाया जा सके।
4. प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजेन (PSA) टेस्ट (पुरुषों के लिए)
50 के बाद पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। PSA टेस्ट इसकी शुरुआती जांच में मदद करता है। समय रहते पता चलने पर इसका इलाज आसान हो सकता है।
5. लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट
उम्र बढ़ने के साथ लिवर और किडनी की कार्यक्षमता कमजोर होने लगती है। ये अंग शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने का काम करते हैं। अगर सही समय पर इनकी जांच न की जाए तो गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। 50 की उम्र के बाद ये टेस्ट केवल आपकी मौजूदा सेहत की जानकारी ही नहीं देते, बल्कि आने वाले खतरों की चेतावनी भी पहले से दे देते हैं। इसलिए “मैं तो बिल्कुल ठीक हूं” सोचने के बजाय समय-समय पर चेकअप कराना जरूरी है।