क्या नींद में भी हो सकती है किसी की मौत,
जानिए कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
1 months ago
Written By: ANJALI
क्या आपने सोचा है कि कभी किसी व्यक्ति की मौत नींद भी हो सकती है? हमारे आसपास कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जहां लोगों की मौत हो जाती है और उन्हें पता भी नहीं चलता, बाद में सामने आता है कि उस व्यक्ति की मौत तो नींद में ही हो गई। क्या ऐसा सच में होता है और अगर हां तो ऐसा क्यों होता है चलिए आपको बताते है आज के इस आर्टिकल में। दरअसल नींद में जब शरीर आराम की पोजीशन में होता है, तब भी वह आराम नहीं कर रहा होता है। शरीर नींद के दौरान भी काम करता रहता है। सोते वक्त ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट आमतौर पर धीमी हो जाती है। हालांकि कुछ कंडीशन में हार्ट अधिक मेहनत या अनियमित रूप से काम कर सकता है। जिससे नींद के दौरान आर्टरीज ब्लॉक हो सकती है, हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ सकता है। रिपोर्टस के मुताबिक कुछ लोग स्लीप एपनिया जैसे डिसऑर्डर से ग्रसित होते हैं। जिस कारण नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत होती है। कुछ केस में ये हार्ट अटैक की वजह भी बन सकता है।
नींद में क्यों हो जाती है मौत?
जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर पूरी तरह से आराम की स्थिति में होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि शरीर काम करना बंद कर देता है। नींद के दौरान भी हृदय, फेफड़े और दिमाग लगातार काम करते रहते हैं। ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट इस दौरान धीमा हो जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों में ये असामान्य भी हो सकते हैं। विशेष रूप से जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं होती हैं, उनके लिए नींद के दौरान जान का खतरा अधिक हो सकता है।
स्लीप एपनिया: एक छुपा हुआ खतरा
स्लीप एपनिया एक सामान्य लेकिन गंभीर नींद विकार है, जिसमें नींद के दौरान व्यक्ति की सांस रुक जाती है। हालांकि यह रुकावट कुछ सेकेंड से लेकर एक मिनट तक हो सकती है। वहीं यह स्थिति बार-बार होती है जिससे आक्सीजन की कमी हो जाती है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। कई बार यह अचानक हार्ट अटैक की वजह बन सकती है।
डीप ब्रीदिंग से करें रिस्क कम
स्वस्थ नींद के लिए और हृदय को सुरक्षित रखने के लिए सोने से पहले डीप ब्रीदिंग करना बेहद लाभकारी होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार गहरी और धीमी सांस लेने से दिमाग शांत होता है, तनाव कम होता है और ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। इससे हार्ट को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति मिलती है और हार्ट अटैक का जोखिम घटता है।
कैसे करें ब्रीदिंग एक्सरसाइज?
4-7-8 तकनीक एक आसान और प्रभावी ब्रीदिंग एक्सरसाइज है:
4 सेकेंड तक सांस लें
7 सेकेंड तक रोकें
8 सेकेंड तक धीरे-धीरे छोड़ें
यह तकनीक नर्वस सिस्टम को शांत करती है और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है।
हार्ट हेल्थ के लिए अपनाएं ये उपाय
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें – वॉकिंग, साइकलिंग, स्विमिंग आदि।
प्रॉपर नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट करें – योगा और मेडिटेशन बहुत मददगार हैं।
डायबिटीज और ब्लड प्रेशर पर नजर रखें, नियमित जांच करवाएं।
स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाएं।
शरीर का वजन कंट्रोल में रखें – मोटापा हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालता है