छोटे बच्चों की परवरिश में नाक और कान में तेल डालना सही या गलत,
डॉक्टर ने बताया सच
11 days ago Written By: Aniket Prajapati
मां बनने के बाद हर महिला अपने बच्चे की देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। ऐसे में दादी-नानी के पारंपरिक नुस्खे भी अक्सर अपनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है बच्चों के नाक और कान में सरसों का तेल डालना। कहा जाता है कि इससे नाक बंद नहीं होती और कान का मैल साफ हो जाता है। लेकिन क्या यह सच में फायदेमंद है या फिर नुकसानदायक? आइए जानते हैं डॉक्टर की राय।
क्या कहता है डॉक्टर का मत?
चाइल्ड स्पेशलिस्ट के अनुसार, छोटे बच्चों के नाक या कान में किसी भी तरह का तेल डालना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। ऐसा करने से बच्चों को गंभीर संक्रमण हो सकता है। सरसों का तेल नाक में डालने से ब्लॉकेज बन सकता है और यह तेल फेफड़ों तक पहुंचकर निमोनिया का कारण भी बन सकता है। वहीं, कान में तेल डालने से बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। कई बार यह कान के पर्दे को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चों के नाक और कान में भूलकर भी तेल नहीं डालना चाहिए।
कान में तेल डालने के नुकसान
कान में तेल डालने से पहले यह समझना जरूरी है कि इसके कई नुकसान हैं।
अगर तेल पूरी तरह शुद्ध या साफ नहीं है, तो इससे संक्रमण का खतरा रहता है।
अधिक तेल डालने पर कान की नली बंद हो सकती है, जिससे बच्चे को सुनने में परेशानी हो सकती है।
कई बार तेल से जलन या एलर्जी भी हो जाती है, क्योंकि बच्चों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है।
अगर बच्चे का कान पहले से संक्रमित है, तो तेल डालने से कान का परफोरेशन (छेद) हो सकता है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
नाक में तेल डालने के नुकसान
नाक में तेल डालना भी उतना ही खतरनाक साबित हो सकता है।
कुछ तेल नाक की नाजुक झिल्ली को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे जलन और दर्द हो सकता है।
कई बच्चों को इससे एलर्जी या सूजन की शिकायत हो सकती है।
अगर तेल ज्यादा मात्रा में डाला जाए, तो यह नाक के रास्ते बंद कर देता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
कभी-कभी तेल फेफड़ों तक पहुंच जाता है, जिससे गंभीर सांस संबंधी समस्या या फेफड़ों का इंफेक्शन हो सकता है।